माथे की 7 रेखाएं, जो बताती हैं हमारे नेचर और फ्यूचर के बारे में खास बातें
हमारे ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के ज्ञान के बारे में बताया गया है जिससे किसी भी मनुष्य के बारे में सब कुछ जाना जा सकता है। हमारे शारीर में कई जगह लकीरे पाई जाती है और इन लकीरों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है ये लकीरे न सिर्फ हमारे भूत को बताती है बल्कि ये हमारी वर्त्तमान और भविष्य को भी बताती है। रेखाएं सिर्फ मनुष्य के हाथों पर ही नहीं बल्कि अन्य मस्तक यानी माथे पर भी होती हैं। ये रेखाएं विभिन्न ग्रहों से प्रभावित होती हैं।
ज्योतिष की भाषा में ये कहा जाता है कि आपके माथे की लकीरें आपका भविष्य तय करती हैं। हालांकि यह बात सत्य है कि जीवन और मृत्यु ईश्वर के हाथ में है और कभी कोई व्यक्ति इसके रहस्य को नहीं जान पाएगा, लेकिन यकीन मानिए आपके माथे की लकीरें यह भी बताती है कि आप किस उम्र तक जीवित रहेंगे। समुद्र शास्त्र के अनुसार, माथे की 7 रेखाओं को देखकर किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है।
आइये जानते है हमारे मस्तक पर कौन-कौन सी रेखाएं होती हैं व उनका किसी व्यक्ति के स्वभाव पर क्या प्रभाव पड़ता है।
1. शनि रेखा सबसे पहली रेखा है शनि रेखा जो की माथे पर सबसे ऊपर होती है। यह रेखा ज्यादा लंबी नहीं होती, सिर्फ माथे के बीच में ही दिखाई देती है। आपको बता दे की जिसके मस्तक पर यह रेखा साफ दिखाई देती है, वह बहुत ही गंभीर स्वभाव का होता है। समुद्र लक्षण विज्ञान के अनुसार इस रेखा के आस-पास का भाग शनि ग्रह से प्रभावित माना जाता है। इनके बारे में अधिक जानकारी बहुत कम लोगों के पास होती है। ये जादूगर, ज्योतिर्विद या तांत्रिक भी हो सकते हैं।
2. गुरु रेखा दूसरी रेखा है गुरु रेखा जो की हमारे माथे पर शनि रेखा से नीचे होती है। यह रेखा आमतौर पर शनि रेखा की तुलना में थोड़ी लंबी होती है। जिसके माथे पर यह रेखा लंबी एवं साफ दिखाई देती है, वह बहुत ही आत्मविश्वासी व अपनी बात पर टिकने वाला होता है। ऐसे लोग सरकारी नौकरी पते है और शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं। आपको बता दे की ऐसे लोगों पर आंख मूंद कर विश्वास किया जा सकता है। ये भरोसे के लायक होते है।
3. मंगल रेखा यह तीसरी रेखा होत्ती है जो की गुरु रेखा के नीचे होती है। जिसके माथे पर ये रेखा साफ दिकाही देती है वो व्यक्ति साहसी, स्वाभिमानी, वीर, समझदार एवं रचनात्मक प्रवृत्ति का होता है। ऐसे लोग किसी प्रशासनिक पद पर, अधिकारी हो सकते हैं। इस रेखा की प्रवृत्ति को समझने से पूर्व व्यक्ति के दोनों कानों के ठीक ऊपर के स्थानों तथा उससे कुछ आगे कनपटियों के ठीक ऊपर के स्थानों को भी देखना चाहिए। लेकिन यदि एक निम्न या संकुचित मस्तक पर अशुभ गुणों करे साथ मंगल रेखा हो और कनपटी के ऊपर के भाग भी उन्नत हों तो ऐसा व्यक्ति अपराधी होता है। ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और वे किसी के साथ कुछ भी कर बैठते हैं। ऐसे लोगो से सावधान रहना चाहिए।
4. बुध रेखा यह चौथी रेखा होती है जो की हमारे मस्तक के बीच में होती है। यह रेखा लंबी होती है और कभी-कभी तो व्यक्ति की दोनों कनपटियों के किनारों को स्पर्श करती हुई दिखाई देती है। यह रेखा शुभ गुणों से युक्त हो तो ऐसा व्यक्ति तेज याददाश्त वाला, कलात्मक कामों में रुचि लेने वाला, सही-गलत की सोच रखने वाला होता है। कहा जाता है की ऐसे लोगों में किसी भी इंसान को पहचानने की क्षमता सामान्य तौर पर अधिक होती है।
5. शुक्र रेखा यह पांचवी रेखा होती है यह बुध रेखा के ठीक नीचे केवल मध्य भाग में होती है। यह रेखा बहुत ही छोटी होती है। और यदि यह रेखा साफ दिखाई दे तो ऐसा व्यक्ति स्फूर्ति, आशा व उत्साह से भरा रहता है। ऐसे लोग उच्च जीवन शक्ति से युक्त, घूमने-फिरने वाले, सौंदर्य प्रेमी एवं बहुत ही गंभीर होते हैं। कहा जाता है की ऐसे व्यक्ति बहुत ही सीधी सोच के होते है इन्हें छल कपट नही आता और ऐसे लोग स्वच्छ, साफ तथा सफेद रंग अधिक पसंद करते हैं। इन्हें शांति वाला माहौल अति प्रिय होता है।
6. सूर्य रेखा यह हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छठी रेखा मानी जाती है और इस रेखा का स्थान मनुष्य की दाईं आंख की भौंह के ऊपर होता है। यह रेखा अधिक लंबी नहीं होती, सिर्फ आंख के ऊपर सीमित होती है। कहा जाता है की अगर यह रेखा स्पष्ट दिखाई दे तो ऐसे व्यक्ति में अद्भुत सूझ-बूझ होती है। ये बहुत ही बुद्धिमान होते है ऐसे लोग अनुशासन में रहना पसंद करते हैं। यह रेखा प्रतिभा, मौलिकता, सफलता, यश तथा समृद्धि की प्रतीक होती है। ये लोग अच्छे गणितज्ञ, शासक और नेता भी हो सकते हैं। ये अपने व्यवहार से अपने आस पास के लोगों को बहुत जल्दी प्रभावित कर लेते हैं।
7. चंद्र रेखा हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुय्सर ये हमारे माथे की सातवी और आखरी रेखा होती है जो की बाईं आंख की भौंह के ऊपर होती है। यह रेखा सरल, सीधी व स्पष्ट हो तो ऐसा व्यक्ति कलाप्रेमी, एकांतप्रिय, विकसित बुद्धि वाला तथा कल्पनाशील होता है। इनकी रुचि चित्रकला, गायन, संगीत आदि क्षेत्रों में होती है। कभी-कभी ऐसी रेखा वाले लोग आध्यात्म प्रिय सिद्ध एवं दूरदृष्टि वाले होते हैं। ये हमेशा आगे की सोच लेते है।
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