आपका बच्चा भी रात में उठकर करता है परेशान तो करें ये काम, फिर चैन की नींद सो सकेगा लाडला
इस खबर में हम आपके लिए कुछ ऐसे कारण बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानने के बाद आप भी समझ जाएंगे कि आखिर क्यों आपका शिशु रात के समय सोता नहीं है. इसके लिए आपको क्या करना चाहिए, इस बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी..
शिशु की नींद पूरी क्यों होना जरूरी नन्हें शिशु के लिए उसकी नींद पूरी होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे बच्चे की बेहतर ग्रोथ होती है, साथ ही उसका मूड भी अच्छा रहता है. अगर बच्चा नींद पूरी न कर पाए तो वो दिनभर या तो रोता है या चिड़चिड़ाता है.
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इन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी
इन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी
आपको ये बात समझनी पड़ेगी कि बच्चे मासूम जरूर होते हैं, लेकिन वो भी संवेदनशील होते हैं और आपके होने और न होने के अहसास को समझते हैं. इसलिए बच्चे को सुलाते समय या तो उसे अपनी गोद में लेटाएं या उसके बगल में कुछ देर के लिए लेट जाएं. इससे बच्चा सिक्योर फील करेगा और आराम से सो जाएगा.
अगर बच्चा भूखे पेट होगा तो वो कभी ठीक से नहीं सो पाएगा. बार-बार उसकी नींद टूटेगी. इसलिए बच्चे को सुलाते समय उसे फीड जरूर करा दें ताकि उसका पेट भर जाए और वो आराम से सो सके.
बच्चों की मालिश करने से भी उनके शरीर को काफी आराम मिलता है. इसलिए बच्चों के शरीर की हल्के हाथों से मसाज करें. इससे उन्हें बहुत अच्छा लगता है. कुछ देर बाद उन्हें गुनगुने पानी से नहलाने के बाद सुला दें.
बच्चे को नहलाने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करें. इससे आपके नवजात को काफी आराम मिलेगा और उसे अच्छी नींद आएगी.
सोते समय बच्चे को डायपर जरूर पहनाएं, क्योंकि बार-बार यूरिन करने से उसका बिस्तर गीला हो जाता है. गीलेपन की वजह से भी उसकी नींद टूटती है.
इस बात का रखें ख्याल आमतौर पर शुरूआती 6 महीने में बच्चों के सोने की कोई उम्र नहीं होती है, शिशु रात में किसी भी समय बिना वजह जग सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा रोज़ाना होता है और आपका बेबी दिन और रात दोनों समय में अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहा है तो हो सकता है उसे कोई अंदरूनी परेशानी हो, ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें.
अगर बच्चा भूखे पेट होगा तो वो कभी ठीक से नहीं सो पाएगा. बार-बार उसकी नींद टूटेगी. इसलिए बच्चे को सुलाते समय उसे फीड जरूर करा दें ताकि उसका पेट भर जाए और वो आराम से सो सके.
बच्चों की मालिश करने से भी उनके शरीर को काफी आराम मिलता है. इसलिए बच्चों के शरीर की हल्के हाथों से मसाज करें. इससे उन्हें बहुत अच्छा लगता है. कुछ देर बाद उन्हें गुनगुने पानी से नहलाने के बाद सुला दें.
बच्चे को नहलाने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करें. इससे आपके नवजात को काफी आराम मिलेगा और उसे अच्छी नींद आएगी.
सोते समय बच्चे को डायपर जरूर पहनाएं, क्योंकि बार-बार यूरिन करने से उसका बिस्तर गीला हो जाता है. गीलेपन की वजह से भी उसकी नींद टूटती है.
इस बात का रखें ख्याल आमतौर पर शुरूआती 6 महीने में बच्चों के सोने की कोई उम्र नहीं होती है, शिशु रात में किसी भी समय बिना वजह जग सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा रोज़ाना होता है और आपका बेबी दिन और रात दोनों समय में अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहा है तो हो सकता है उसे कोई अंदरूनी परेशानी हो, ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें.
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