22 जिंदगियां बचाकर खुद परिवार समेत मलबे में बह गए भीम, 10 सेकेंड में खत्म हो गया पूरा परिवार
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शाहपुर के रुमेहड़ गांव में सोमवार सुबह भारी बारिश के बाद पहाड़ से आए पानी के सैलाब से हालात ज्यादा भयानक हो सकता थो अगर भीमसेन न होता। रुमेहड़ गांव के भीमसेन 22 जिंदगियां बचाकर खुद परिवार सहित मौत के मुंह में चले गए। रुमेहड़ पंचायत के उपप्रधान पप्पू राम और स्थानीय निवासी मनीष ने बताया कि सोमवार रात से काफी बारिश हो रही थी।
बारिश की वजह से पहाड़ के नीचे बसे अमर सिंह के घर की ओर छोटा नाला अवरुद्ध होने की वजह से थोड़ा-थोड़ा पानी आ रहा था। सुबह से हम करीब 22 लोग पानी की निकासी के लिए जुटे हुए थे। सुबह करीब 10:39 बजे करीब 70 मीटर दूर पहाड़ी पर अपने घर से भीमसेन हमें देखकर जोर-जोर से आवाजें लगाईं। उसने कहा कि पहाड़ से मलबा आ रहा है। यहां से भाग जाओ। भीमसेन की आवाज सुनकर सभी सड़क की तरफ भागे।
चेतावनी के बाद 10 सेकेंड में ही पूरा मलबा नीचे मकानों को बहाकर ले गया। हम सभी लोग वहां से भाग कर सड़क पर आ गए। मलबा अधिक होने के चलते एक घर के नीचे छिप गए। जब यह घर भी बहने लगा तो हम सभी भागकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचे। सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए सभी को कुछ सेकेंड ही लगे।
उन्होंने कहा कि यह भगवान की कृपा है कि हम आज जिंदा है। अगर हम नालियां न बना रहे होते और भीमसेन हमें मलबे के आने की चेतावनी नहीं देता तो आज हम जिंदा नहीं होते। यह हमारा दूसरा जन्म है। भीमसेन हमें चेतावनी देने के बाद अपने घर में परिवार को बाहर निकालने के लिए अंदर भागा लेकिन बाहर आने से पहले ही उनका पूरा मकान मलबे की चपेट में आ गया।
कुछ घर पूरी तरह दब गए कुछ का आधा हिस्सा था गायब पहाड़ी से आए मलबे से कुछ घर पूरी तरह से दब गए थे। कुछ का आधा हिस्सा ही गायब हो गया था। थोड़ा सा आगे आने पर आधे दबे घर में एनडीआरएफ की टीम के साथ नगरोटा बगवां के एसडीएम शशिपाल राहत कार्य में जुटे थे। जेसीबी से मलबे को हटाकर सड़क को बहाल किया जा रहा था और दबे लोगों की तलाश की जा रही थी। मलबे में दबे लोगों के परिजन विलाप कर रहे थे।
घर दबते देख आंखों के आगे छा गया अंधेरा: शंकर प्रत्यक्षदर्शी शंकर ने बताया कि उन्होंने सुबह साढ़े 10 बजे पहाड़ी से आ रहा मलबा देखा। उन्होंने इस दौरान सीटी बजाकर लोगों को अलर्ट भी किया लेकिन कुछ सेकेंडों में भी सब कुछ तबाह हो गया। भयानक मंजर को देखकर उनकी आंखों के आगे अंधेरा सा छा गया।
घरों के अंदर सब दब गए मलबे में: निशा प्रत्यक्षदर्शी निशा ने बताया कि सुबह हम घरों में आ रहे पानी को रोकने के काम में जुटे थे कि अचानक मलबा आने की सूचना के बाद वहां से जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगे। केवल 10 सेकेंड में ही सब कुछ तबाह हो गया। जो लोग बाहर थे वो तो बच गए पर जो घरों में थे वह सब मलबे में दब गए। मंजर इतना भयानक था कि बयान करना मुश्किल है।
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