सबसे महंगी कॉफी कैसे बनती है, जानेंगे तो चौंक जाएंगे!
अगर आप कॉफी के शौकीन हैं तो ये खबर आपको दोबारा कॉफी पीने से पहले सोचने पर मजबूर कर सकती है. दरअसल, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे दुनिया की सबसे महंगी कॉफी जानवर की पोटी से बनती है. सिवेट कॉफी, कैट पूप कॉफ़ी या कोपी लुवाक कॉफी ऐसी कॉफी हैं जो कि जानवर के मल से तैयार होती है. ये जानवर कोई और नहीं बल्कि पाम सिवेट है. बेशक ये पढ़कर आपको घिन आ जाए लेकिन ये दुनिया की सबसे महंगी कॉफी हैं.
पाम सिवेट ये एशियाई पाम सिवेट जानवर हैं जो कि एशिया के जंगलों में पाए जाते हैं इन्हें सिवेट कैट भी कहा जाता है, पाम सिवेट के मल से बने कॉफी बीन्स को दुनिया में सबसे महंगी कॉफी के रूप में बेचा जाता है. इनमें सबसे मशहूर कॉफी नाम कोपी लुवाक है, जिसे पीने के बाद अलग ही टेस्ट आपको लगेगा.
आपको बता दें, 19वीं शताब्दी में, इंडोनेशिया में स्थानीय लोगों को कॉफी बेचना गैरकानूनी था क्योंकि इसे यूरोप में निर्यात किया जाता था. लेकिन स्थानीय लोगों ने जब पाम सिवेट के मल से कॉफी जैसे दिखने वाले बीन्स को इकट्ठा करके उन्हें साफ करके, सुखाकर कॉफी बीन्स बनाने शुरू किए और आश्चर्यजनक रूप से इन बीन्स से बनी कॉफी का टेस्ट रेगुलर कॉफी से काफी अच्छा था तो यहां ये सिवेट कॉफी का क्रेज शुरू हुआ जो कॉफी प्रेमियों को आज भी इंडोनेशिया की ओर आकर्षित करता है.
आपको बता दें, 19वीं शताब्दी में, इंडोनेशिया में स्थानीय लोगों को कॉफी बेचना गैरकानूनी था क्योंकि इसे यूरोप में निर्यात किया जाता था. लेकिन स्थानीय लोगों ने जब पाम सिवेट के मल से कॉफी जैसे दिखने वाले बीन्स को इकट्ठा करके उन्हें साफ करके, सुखाकर कॉफी बीन्स बनाने शुरू किए और आश्चर्यजनक रूप से इन बीन्स से बनी कॉफी का टेस्ट रेगुलर कॉफी से काफी अच्छा था तो यहां ये सिवेट कॉफी का क्रेज शुरू हुआ जो कॉफी प्रेमियों को आज भी इंडोनेशिया की ओर आकर्षित करता है.
कोपी लुवाक कॉफी के फायदे यह जाना जाता है कि नियमित कॉफी की तुलना में इसके कुछ फायदे होते हैं. इस कॉफी से एसिडिटी कम बनती है. इसके अलावा, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर कोपी लुवाक आपके चयापचय में भी सुधार करता है, अल्जाइमर के कारण न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को रोकता है और डायबिटीज को भी नियंत्रित करता है. हालांकि अभी इस पर अधिक शोध होना बाकी है.
आपको बता दें, पाम सिवेट कैट्स को खासतौर पर चेरीज खिलाई जाती हैं जिससे वो डायजेस्ट होने के बाद मल के जरिए बीजों के साथ बाहर आती है, उसके बाद इसे खासतौर पर लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है. इन सिवेट कैट्स को आप इंडोनेशिया में कई जगहों पर आसानी से देख सकते हैं.
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