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अब वायरल फ्लू का रूप लेने लगा कोरोना, रिकवरी के दिन भी घटे

अब वायरल फ्लू का रूप लेने लगा कोरोना, रिकवरी के दिन भी घटे

राजस्थान में कोविड-19 का प्रसार तेजी से भले ही हो रहा हो, लेकिन इसका प्रभाव अब अन्य मौसमी व सामान्य वायरल फ़्लू की तरह होता जा रहा है। राज्य की मौजूदा तीसरी लहर में सामने आ रहे मरीजों की स्थिति को देखकर यह आंकलन निकाला गया है। विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह सामान्य वाइरल फ़्लू के लक्षण होते हैं, अब करीब करीब वैसे ही लक्षण कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे लोगों में भी नजर आ रहे हैं। हालांकि कोविड के तेजी से बढ़ने वाली संक्रामक बीमारी होने के कारण इससे बचाव के लिए एहतियात बरतने की सलाह भी दी गई है। जिसके अनुसार स्व:अनुशासन, कोविड अनुकूल व्यवहार सहित समय पर वैक्सीनेशन डोज लगवाकर इससे अब काफी हद तक बचा जा सकता है।

दरअसल, प्रदेश में हर साल मौसम के अनुसार बीमारियों का दौर बदलता है। नवंबर से फरवरी तक मुख्यतया वायरल वायरल फ़्लू का दौर रहता है और इस दौरान लाखों लोग इससे बीमार होकर चंद दिनों में ठीक हो जाते हैं। इस तरह के वायरल की तरह ही अब कोरोना के मरीज भी सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने भी यह माना है कि अब कोरोना में भी रिकवरी के दिन घटकर 3 से 5 तक ही रह गए हैं। यह भी सामने आ रहा है।
समानता इस तरह,कोरोना वायरस के मौजूदा लक्षण
कोरोना की दूसरी लहर में अधिकांश मरीजों में आक्सीजन की कमी और फेफड़ों में संक्रमण अत्यधिक था, लेकिन अब तीसरी लहर में यह चंद मरीजों में सामने आ रहा है।

लक्षणः गले में दर्द होना,छींक आना,नाक बहना,लगातार सिरदर्द रहना,सूखी खांसी होना

वायरल फ्लू वायरल फीवर सामान्य बुखार की दवाओं से ठीक नहीं होते। सामान्य बुखार की दवाएं वायरल बुखार को कुछ समय के लिए ही ठीक कर पाती हैं, जैसे ही दवाओं का असर खत्म होता है, वायरल फीवर फिर से हो जाता है। लो -ग्रेड फीवर कई वायरल संक्रमणों का एक लक्षण है।

डेंगू डेंगू चार तरह के डेंगू वायरस के कारण होता है, जो मच्छरों से फैलता है। बारिश के मौसम और बरसात का दौर ठहरने के एक से दो सप्ताह मच्छरों के कारण यह बीमारी शुरू होती है। उन दिनों में इसका प्रकोप भी अधिक हो जाता है। जब एक मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वायरस मच्छर में प्रवेश करता है। जब संक्रमित मच्छर फिर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उस व्यक्ति के रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है।

मलेरिया... मलेरिया तब होता है जब ,कोई मच्छर प्जाज्मोडियम परजीवी से संक्रमित होकर किसी व्यक्ति को काटता है। चार प्रकार के मलेरिया परजीवी होते है। जो मनुष्यों को संक्रमित करते हैं।

आधी जीत को पूरी में बदलना होगा अभी जो मरीज भर्ती हो रहे हैं, उनमें कुछ में पिछले कोविड जैसे लक्षण हैं, लेकिन करीब 98 प्रतिशत कोविड के एसिंप्टमेटिक मरीजों में सामान्य वायरल फ़्लू जैसे लक्षण हैं। अब समय लापरवाही बरतने के बजाय सजग रहने का है, जिससे आधी मिल चुकी जीत को पूरी जीत में बदला जा सके। घबराएं नहीं, बस कोविड अनुकूल व्यवहार करते रहें।

बस..सजग रहें..घबराएं नहीं किसी भी बीमारी से डरने के बजाय सजगता से उससे निपटना ही बेहतर होता है। अब तीसरी लहर में देख रहे हैं कि घातकता काफी कम हो गई है। सामान्य फ़्लू जैसे लक्षणों से अधिकांश ठीक हो रहे हैं। बस..सजग रहें..घबराएं नहीं।

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