कोरोना की तीसरी लहर में बदले हालातों को देखते हुए अब जारी हुई नई गाइडलाइन
कोरोना की तीसरी लहर में बदले हालातों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अब सरकारी स्कूलों में फरवरी तक पाठ्यक्रम पूरा कराने की तैयारी कर ली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने शिक्षा अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग ली। इसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण के जरिए हर स्थिति में फरवरी तक बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कराने के निर्देश दिए। निदेशक ने वीसी में माना कि कोरोना के कारण शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षण कार्य काफी बाधित हुआ है। कुछ स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त रहने के कारण भी पढाई बाधित हुई है। दोनों ही स्थितियों में ऑनलाइन शिक्षण के जरिए कोर्स पूरा कराया जाए।
निदेशक ने आगामी तीन माह की कार्य योजना भी शिक्षा अधिकारियों के साथ साझा की। साथ ही अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के बकाया आवेदनों का तुरंत सत्यापन करने के निर्देश दिए। निदेशक में शिक्षा अधिकारियों को समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया। वीसी में आरटीई, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों संबंधित समीक्षा भी की गई।
नई गाइडलाइन: शिक्षकों को अब फरवरी तक पूरा करना होगा बच्चों का कोर्स
बनेगा एक जैसा प्लान कोरोना संक्रमण के चलते बाधित हुई पढ़ाई को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग प्लान तैयार कर रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने बताया कि प्रदेशभर में अब अगले तीन माह की पढ़ाई का रोड मेप बनेगा। इसी आधार पर राज्य के सभी स्कूलों में पढ़ाई होगी।
होगी एक जैसी पढ़ाई नई नीति के अनुसार अगर किसी एक स्कूल की कक्षा एक में हिन्दी में पांचवां चेप्टर पढ़ाया जा रहा है तो फिर पूरे राजस्थान में वो ही चेप्टर करवाया जाएगा ताकि ई कक्षा पर समान पढ़ाई हो सके। इसके अलावा बच्चों को गृहकार्य भी दिया जाएगा।
घर तक पहुंचेंगे शिक्षक आओ घर में सीखे अभियान के तहत एक बार फिर शिक्षकों को बच्चों के घर तक पहुंचना होगा। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने शिक्षकों को बच्चों के घर तक भेजा था। ये नीति आगे भी जारी रहेगी। पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षण को अनवरत रखने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी तक वर्क बुक पहुंचाई जाएगी।
कोरोना पीडि़त को सहायता शिक्षा विभाग के जिन कार्मिकों का कोविड के कारण निधन हो गया है उनको सरकार की ओर से अनुग्रह राशि दी जाएगी। निदेशक ने कहा कि ऐसा कोई पेंडिंग प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी के पास है तो वे इसे निदेशालय भेज सकते हैं। इस तरह के आवेदन जिला कलक्टर के माध्यम से देने होंगे।
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