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पहली बार में IPS, दूसरी बार में बनीं IAS, ऐसा है गरिमा का IPS से IAS बनने का सफर

पहली बार में IPS, दूसरी बार में बनीं IAS, ऐसा है गरिमा का IPS से IAS बनने का सफर

यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स में हर तरह के स्टूडेंट होते हैं। कोई पढ़ाई में एवरेज होता है तो कोई ब्रिलिएंट। हालांकि किसी स्टूडेंट का बैकग्राउंड इस क्षेत्र में उसकी सफलता तय नहीं करता लेकिन जब हम इस क्षेत्र के विभिन्न टॉपर्स पर नजर डालते हैं तो गरिमा अग्रवाल जैसे कुछ कैंडिडेट्स भी सामने आते हैं। गरिमा के बारे में जितना कहा जाए कम है।

There are all kinds of students among the candidates who clear the UPSC exam. Some are average in studies and some are brilliant. Although the background of a student does not determine his success in this field, but when we look at the various toppers in this field, some candidates like Garima Aggarwal also come to the fore. Less is said about dignity.

वे हमेशा से एक बेहतरीन स्टूडेंट रहीं और स्कूल लाइफ से लेकर यूपीएससी टॉपर बनने तक उन्होंने जिस क्षेत्र में कदम रखा, वहां सफलता पायी। यूपीएससी के दो प्रयासों में से दोनों में सफल होने वाली गरिमा इसके पहले आईआईटी से ग्रेजुएशन भी कर चुकी हैं। यानी एक आईआईटी ग्रेजुएट फिर आईपीएस और अंततः आईएएस।

दूसरे प्रयास में बनी आईएएस 29 वर्षीय गरिमा अग्रवाल मध्यप्रदेश के खरगोन की रहने वाली हैं। वह अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली परंतु आईपीएस IPS बने के लिए उनकी रैंक कम थी। उन्होंने फिर से तैयारी की और दूसरे ही प्रयास में आईएएस IAS बन कर अपने सपने को पूरा किया। इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में पैसा, शोहरत, रूतबा और दबदबा सबकुछ है, परंतु सिविल सेवा की परीक्षा को क्लीयर करना आसान नहीं है। अगर आपने क्लीयर कर भी लिया तो आईएएस बनने के लिए अच्छी रैंक आना जरूरी है।

29-year-old Garima Aggarwal hails from Khargone, Madhya Pradesh. She cleared UPSC exam in her very first attempt but her rank was low to become IPS. She prepared again and fulfilled her dream of becoming an IAS officer in the second attempt. Money, fame, status and prestige are everything in the Indian Administrative Service, but clearing the Civil Services exam is not easy. Even if you have cleared then it is necessary to get a good rank to become an IAS.

गरिमा शुरू से पढ़ने में अच्छी थी गरिमा अग्रवाल अभी तेलंगाना में प्रशिक्षण के लिए सहायक जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। गरिमा आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएशन भी कर चुकी हैं। गरिमा खरगोन ने सरस्वती विद्या मंदिर से शुरुआती पढ़ाई की है। वह शुरू से पढ़ने में बहुत अच्छी थीं। उनकी बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल ने भी 2013 में भारतीय डाक सेवा की परीक्षा पास की थी।

Garima Aggarwal is currently posted as Assistant District Magistrate for training in Telangana. Garima has also graduated from IIT Hyderabad. Garima Khargone did her early studies from Saraswati Vidya Mandir. She was very good at reading from the beginning. Her elder sister Preeti Agarwal also passed the Indian Postal Service exam in 2013.

गरिमा 40वीं रैंक प्राप्त कर बनी आईएएस गरिमा ने स्कूल लाइफ से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा तक हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की। गरिमा यूपीएससी सीएसई एग्जाम में पहली बार 240वीं रैंक के साथ सफल हुई थी, जिसे वह आईपीएस अधिकारी नहीं बन पाई थी परंतु उसके अगले ही प्रयास साल 2018 के सीएसई एग्जाम में उन्होंने 40वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस IAS ऑफिसर बनने में सफल हुई। उसके बाद उन्होंने साल 2019-2020 में एलबीएस अकादमी, मसूरी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। गरिमा यूपीएससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट को कई सलाह देती हैं कि प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अलग-अलग न करके संयुक्त तौर पर करनी चाहिए।

Garima achieved success in every field from school life to UPSC civil service. Garima was successful in UPSC CSE exam with 240th rank for the first time, which she could not become an IPS officer, but in her next attempt, she got 40th rank in 2018 CSE exam and became an IAS officer. After that she completed her training at LBS Academy, Mussoorie in the year 2019-2020.

सफलता के लिए गरिमा का मूल मंत्र गरिमा के अनुसार यूपीएससी के लिए उम्मीदवारों को प्री-मेन और इंटरव्यू के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी चाहिए और इसे एक साथ करना चाहिए। क्योंकि प्री-टेस्ट में जो प्रश्न आते हैं, वे मुख्य परीक्षा में भी काफी आते हैं।इसलिए रिवीजन की जरूरत है। इसके अलावा उम्मीदवारों को समय-समय पर मॉक टेस्ट भी देना होता है। इससे गति बढ़ती है और परीक्षा में कोई प्रश्न छूटता नहीं है।

According to Garima, candidates for UPSC should not prepare for pre-mains and interview separately and should do it together. Because the questions which come in the pre-test, they come a lot in the main exam as well. That's why revision is needed. Apart from this, candidates also have to give mock tests from time to time. This increases the speed and no question is left in the exam.

असफलता से निराश न हों गरिमा के अनुसार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे जरूरी चीज है धैर्य और लगन। इसलिए मेहनत करते रहें, पहली बार में सफलता न मिले तो निराश न हों, तैयारी के लिए मेहनत करते रहें। इस समय नकारात्मक ऊर्जा वाले लोगों से दूर रहें, क्योंकि ऐसे लोगों के करीब रहने से तैयारी पर असर पड़ता है।

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