11 साल बाद शनिवार से होगी नए साल की शुरुआत, 100 साल में 15वीं बार हुआ ऐसा
साल 2022 अब इतिहास बन गया है। आने वाला साल ज्योतिष के हिसाब से ठीक माना जा रहा है। कारण नए साल की शुरुआत केदार योग में हो रही है। केदार योग ज्योति में सर्वोत्तम माना गया है। न्याय के देवता शनि का नए साल 2022 में जबरदस्त प्रभाव रहेगा। इसकी तीन वजह हैं। पहली एक जनवरी को नए साल की शुरुआत शनिवार के दिन होगी। दूसरा संयोग दो अप्रेल को विक्रम नव संवतसर 2079 का शुभारंभ भी शनिवार को होगा। तीसरा शनिदेव अभी अपने स्वामित्व वाली मकर राशि में हैं और अगले वर्ष 29 अप्रेल को वे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, उसके स्वामी भी वे ही हैं। अभी चल रहे विक्रम संवत्सर 2078 का राजा मंगल है, जबकि अगले नव संवत्सर के राजा शनि व मंत्री बृहस्पति (गुरु) होंगे। खास बात यह है कि 100 साल में 15वीं बार और 10 साल में दूसरी बार नए साल की शुरुआत शनिवार को होगी। इससे पहले वर्ष 1921, 27, 38, 44, 49, 55, 66, 72, 77, 83, 94, 2000, 2005, 2011 में भी नए साल की शुरुआत शनिवार से ही हुई थी।
11 साल बाद शनिवार से होगी नए साल की शुरुआत
नए साल में शादियों के लिए 87 दिन शुभ
वर्ष 2022 में विवाह के 87 शुभ मुहूर्त हैं। साल में मार्च, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर को छोड़ कर हर माह अनेकों शादी के शुभ मुहूर्त हैं। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण कई विवाह निरस्त हो गए। अब फिर 15 जनवरी से शादियां शुरू होंगीं। जनवरी में 15, 20, 21 से 25, 27 से 30 (कुल 11 दिन शुभ मुहूर्त), फरवरी चार से छह, नौ से 11 और 16 से 21 (कुल 12 दिन शुभ मुहूर्त), अप्रेल 15, 17, 19 से 23, 27 और 28 (कुल नौ दिन शुभ मुहूर्त), मई दो से चार, नौ से 20, 24 से 26 और 31 (कुल 19 दिन शुभ मुहूर्त), जून एक, पांच से 17, 21 से 23 और 26 (कुल 18 दिन शुभ मुहूर्त), जुलाई दो, तीन, पांच, छह और आठ (कुल पांच दिन शुभ मुहूर्त), नवंबर चार, 26 से 28 (कुल चार दिन शुभ मुहूर्त), दिसंबर दो से चार, सात से नौ, 12 से 15 (कुल नौ दिन शुभ मुहूर्त)।
नए साल में शनिदेव स्वराशि में, ब्रह्मांड के राजा भी रहेंगे
नए साल २०२२ में शनिदेव की कृपा बरसेगी। इस साल में शनिदेव अपनी स्वराशि मकर और कुंभ में रहेंगे। इसके कारण वे नुकसान कम करेंगे और फायदा ज्यादा पहुंचाएंगे। इसके साथ ही नए साल में ब्रह्मांड के राजा शनिदेव व मंत्री बृहस्पति रहेंगे। चूंकि ऐसा माना जाता है कि राजा प्रजा की भलाई करता है इसलिए भी शनिदेव की कृपा बनी रहेगी। नए साल में तीन राशि जिन पर शनि की ढैया चल रही थी और एक राशि जिस पर साढ़े साती चल रही थी, उससे मुक्ति मिलेगी। इससे इन राशि वालों के कष्ट दूर होंगे। साल २०२२ और विक्रम संवत 2022 दोनों पर इस साल शनि की सत्ता स्थापित रहेगी। जिनकी कुंडली में शनि लाभदायक स्थान पर है।
उसके लिए शनि सत्ता दिलाएंगे। वहीं जिनकी पत्रिका में शनि हानिकारक है। उन्हें परेशानियों का सामना करना होगा। पं. मनु मुदगल ने बताया कि एक जनवरी 2022 को नए साल की शुरुआत शनिवार से होगी। वहीं दो अप्रेल 2022 को विक्रम नववर्ष 2022 का आरंभ भी शनिवार से ही होगा। शनिदेव अभी अपने स्वामित्व वाली राशि मकर में है और नए साल में अप्रेल 2022 को स्वराशि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। उनके स्वामी भी वही होंगे। अभी चल रहे विक्रम संवत का राजा मंगल है, जबकि अगले वर्ष ब्रह्मांड के शनि राजा तथा मंत्री बृहस्पति गुरू रहेंगे। इस प्रकार 2022 में शनि देव पूर्ण रूप से स्वराशि में रहकर अपना प्रभाव समस्त जगत पर स्थापित रहेंगे। शनिदेव का यह परिवर्तन ग्रह मंडली का सबसे बड़ा परिवर्तन होगा। क्योंकि सूर्यपुत्र शनिदेव एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक विद्यमान रहकर जगत को अपने प्रभाव से प्रभावित करते हैं।
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