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वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया, ऐसे लोगों में संक्रमण की गंभीरता और मौत का खतरा अधिक

वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया, ऐसे लोगों में संक्रमण की गंभीरता और मौत का खतरा अधिक

दुनियाभर में पिछले दो साल से अधिक समय से कोरोना का कहर जारी है। कोरोना वायरस के सामने आए तमाम वैरिएंट्स के कारण लोगों को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। डेल्टा जैसे वैरिएंट से संक्रमण के दौरान लोगों की मृत्युदर भी काफी अधिक देखी गई, हालांकि ओमिक्रॉन के कारण संक्रमण के लक्षण हल्के और मृत्यु का आंकड़ा कम बताया जा रहा है। इस बीच हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने उस एक कारण का पता लगा लिया है जो कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रोग और मृत्यु के जोखिम को बढ़ावा दे सकती है।

प्लस वन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन कोरोना संक्रमितों में विटामिन डी का का स्तर कम पाया गया उनमें कोविड-19 के गंभीर मामलों के साथ-साथ मृत्यु दर अधिक होने का खतरा देखा गया है। इज़राइल स्थित बार-इलान विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान विटामिन-डी की कमी और कोविड-19 की गंभीरता और मौत के जोखिमों के बारे में पता लगाया है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि विटामिन-डी की कमी किस प्रकार से कोरोना संक्रमितों के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है?

विटामिन-डी की कमी से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लोगों को सुरक्षात्मक तौर पर विटामिन-सी और डी का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती रही है। शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच अस्पताल में भर्ती कोरोना के 1,176 रोगियों पर अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि विटामिन-डी शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसके कारण रोगियों में संक्रमण की गंभीरता और इसके कारण होने वाली मौत का जोखिम कम हो सकता है।

शरीर में विटामिन-डी की कितनी मात्रा पर्याप्त?
वैज्ञानिकों की टीम ने अध्ययन के दौरान पाया कि 20 नैनोग्राम / मिलीली. से कम विटामिन डी वाले संक्रमितों में कोविड-19 के गंभीर मामले और इसके कारण होने वाली मौत का जोखिम 14 गुना अधिक पाया गया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन रोगियों में विटामिन डी की मात्रा 40 नैनोग्राम / मिलीली. के आसपास की थी उनमें संक्रमण की गंभीरता का खतरा कम पाया गया। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में यह भी पाया कि विटामिन-डी की कमी वाले समूह में संक्रमण के कारण मृत्युदर 25.6 प्रतिशत के करीब हो सकता है।

क्या कहते हैं अध्ययनकर्ता?
बार-इलान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख एमिल ड्रोर कहते हैं, अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि विटामिन-डी का सामान्य स्तर को बनाए रखने से कोरोना संक्रमण की गंभीरता के खतरे को कम किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए और भी आवश्यक है जिनको कोरोना का संक्रमण हो गया है। कोरोना संक्रमितों को गंभीर खतरे से बचाने के लिए विटामिन-डी सप्लीमेंट्स दिए जाने चाहिए। इसके अलावा कोरोना के इस दौर में सभी लोगों को अपने आहार में उन चीजों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करना चाहिए जिससे कि संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके।

विटामिन-डी वाले आहार
मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक सूर्य की रोशनी विटामिन-डी के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। इसके अलावा आहार में कुछ चीजों को शामिल करके भी इस विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। सैल्मन और ट्यूना जैसी मछलियां, अंडे, कॉड लिवर ऑयल, डेयरी उत्पाद आदि में विटामिन-डी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होती है। इसके अलावा संतरे को भी इस विटामिन का अच्छा स्रोत माना जाता है।


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