Budget 2022: आम बजट के वो बड़े ऐलान, जो सीधे आपकी जेब पर डालेंगे असर, जानें पूरी डिटेल
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश किया. सरकार के इस बजट पर आम जनता से लेकर विपक्षी दलों की नजर थी. सरकार ने लोगों को कोई खास राहत नहीं दी है. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बजट से पहले मिडिल क्लास को उम्मीद थी कि उनपर टैक्स का बोझ कम होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हालांकि इसके बावजूद हम सरकार के उन ऐलानों पर नजर डालेंगे जिसका सीधा असर आपकी जेब पर होगा.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों को मिलेगा एक और मौका
सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में तो बदलाव नहीं किया लेकिन टैक्सपेयर्स को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया. टैक्सपेयर्स अब इनकम रिटर्न फाइल करने के बाद दो साल तक अपडेट कर सकेंगे. नए प्रावधान के तहत किसी तरह के जुर्माने का प्रावधान नहीं है.
टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न में बताई गई अतिरिक्त आय पर लगने वाले टैक्स पर टैक्स का भुगतान करना होगा. अतिरिक्त इनकम पर बकाया इंट्रेस्ट और टैक्स पर अतिरिक्त 25 से 50 फीसदी टैक्स टैक्सपेयर्स को देना होगा.
NPS पर ये राहत सरकारी कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में योगदान पर राहत दी गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनपीएस में केंद्र और राज्य का योगदान 10% की जगह अब 14% होगा. बजट 2022 के प्रस्तावों के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों दोनों के लिए नियोक्ता का योगदान वेतन का 14 प्रतिशत होगा, जिससे उनके बीच समानता आएगी.
ये चीजें होंगी सस्ती फ्रोजन मसल्स, फ्रोजन स्क्विड,हींग, कोको बीन्स, मिथाइल अल्कोहलट, एसिटिक एसिड, तराशे और पॉलिश किए हुए हीरे, मोबाइल फोन के लिए कैमरा लेंस. इन चीजें के सस्ते होने का असर सीधे आपकी जेब पर होगा.
ये चीजें होंगी महंगी छाता, कृत्रिम ज्वैलरी, लाउडस्पीकर, हेडफोन और इयरफोन, स्मार्ट मीटर, सोलर सेल, सोलर मॉड्यूल, एक्स-रे मशीन, इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के पुर्जे.
सरकार जारी करेगी ग्रीन बांड निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि पैसों को जुटाने के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए आवंटन को 35.4 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में प्रभावी कैपिटल एक्सपेंडिचर 10.68 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 4.1 फीसदी रहेगा.
दिव्यांगों को राहत सरकार के बजट में दिव्यांगों के लिए खास ऐलान है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'जो व्यक्ति शारीरिक अक्षमता से लड़ रहा है उसे टैक्स में राहत दी जाएगी. दिव्यांगता से जूझ रहे व्यक्ति के माता-पिता या फिर अभिभावक ऐसे व्यक्ति के लिए बीमा स्कीम ले सकते हैं.' उन्होंने कहा कि विकलांग आश्रित के लिए एनुअल या एकमुश्त प्रीमियम के भुगतान पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा और इसपर आजीवन छूट दी जाएगी.
क्रिप्टोकरेंसी टैक्स के दायरे में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स के दायरे में ला दिया है. वित मंत्री ने कहा कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लिया जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी बेचने पर जो आय होगी उसपर आपको 30 फीसदा का टैक्स देना होगा.
स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं बजट में टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए बुनियादी छूट की सीमा में आखिरी बार बदलाव 2014 में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करमुक्त आय की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया था। वरिष्ठ नागरिकों के लिए करमुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख से 3 लाख रुपये किया गया था। तब से करमुक्त आय की सीमा नहीं बढ़ी है।
करदाताओं के सामने मौजूद रहेंगे दो विकल्प वित्त मंत्री सीतारमण ने 2020 में टैक्स जमा करने का नया विकल्प दिया था। इसमें उन लोगों के लिए टैक्स रेट्स को घटाया गया था, जो टैक्स में मिलने वाली छूट और राहत का लाभ नहीं उठाना चाहते। यह एक तरह से आयकर का सरलीकरण था। कमाई के हिसाब से टैक्स तय किया गया था। इसमें निवेश एवं अन्य आवश्यक खर्चों के तहत टैक्स में मिलने वाली छूट खत्म कर दी गई थी। इससे करदाताओं को दो विकल्प मिल गए। वे पुरानी व्यवस्था में रहकर छूट प्राप्त कर सकते हैं या नई व्यवस्था में बिना छूट के कर का भुगतान कर सकते हैं।
यह रहेंगी आयकर की स्लैब्स दोनों ही विकल्पों में 2.5 लाख रुपये तक की आय करमुक्त है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत कर लगता है। हालांकि, आयकर अधिनियम की 87A के तहत 12,500 रुपये तक की छूट दी गई है। इसका मतलब है कि दोनों ही विकल्पों में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं चुकाना पड़ता।
नए विकल्प में 5 से 7.5 लाख रुपये पर 10% और 7.5 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 15% टैक्स है, जबकि पुराने विकल्प में 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20% टैक्स लगता है।
पुराने विकल्प में 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। नई व्यवस्था में 10 से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20% और 12.5 लाख से 15 लाख रुपये पर 25% टैक्स है। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। सेस और सरचार्ज की वजह से प्रभावी टैक्स रेट बढ़ जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- प्रधानमंत्री का आदेश था, जनता पर टैक्स का बोझ न बढ़े
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश करने के बाद प्रैस कांफ्रेस की। जिसमें उन्होंने कहा कि हमने आम लोगों का ध्यान रख बजट बनाया है। उन्होंने कहा कि हमने टैक्स नहीं बढ़ाया। एक भी पैसा अतिरिक्त टैक्स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं डालना। इस बार भी वही निर्देश थे ।
रिटर्न अपडेट करने की अनुमति बजट में जो बड़ी घोषणा की गई है, वह दो साल में रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति है। अगर किसी करदाता ने अपनी सालाना आय की घोषणा में कोई गलती की है तो वह इसे दो साल में सुधार सकता है। इसके लिए उसे अपना रिटर्न अपडेट करना होगा। इससे मुकदमेबाजी कम होगी। रिटर्न अपडेट करते हुए उन्हें आवश्यक कर का भुगतान करना होगा। सीतारमण ने कहा कि इस समय डिपार्टमेंट को पता चलता है कि टैक्सपेयर ने कोई गलती की है तो मुकदमेबाजी की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रस्ताव से टैक्सपेयर्स और विभाग में आपसी विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। टैक्सपेयर ने अगर रिटर्न में कोई गलती की है तो वह खुद ही उसे सुधार सकेगा।
कोऑपरेटिव्स के लिए अल्टरनेट मिनिमम टैक्स रेट और सरचार्ज में कमी इस समय कोऑपरेटिव सोसायटियों को 18% और 1.5% अल्टरनेट मिनिमम टैक्स चुकाना होता है। हालांकि, कंपनियां इसका भुगतान 15% की दर से करती हैं। कोऑपेरटिव सोसायटियों और कंपनियों के एक-से नियम बनाने के लिए कोऑपरेटिव सोसायटियों के लिए टैक्स को घटाकर 15% किया गया है। एक से 10 करोड़ रुपये तक की सालाना आय वाली कोऑपरेटिव सोसायटियों पर लगने वाला सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया है।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को राहत इस समय केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन का 14% अंशदान नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में करती है। कर्मचारी अपने आयकर रिटर्न में इसकी छूट ले सकते हैं। हालांकि, राज्य सरकारों के कर्मचारियों को सिर्फ 10% तक ही टैक्स छूट मिलती है। कर्मचारियों के बीच इस भेदभाव को दूर करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस अकाउंट में योगदान पर 14% टैक्स राहत की घोषणा की गई है।
वर्चुअल संपत्ति पर 30% टैक्स नए प्रस्ताव के तहत वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (क्रिप्टो) पर 30% टैक्स लगेगा। इन संपत्तियों को खरीदने पर किए गए खर्च के अलावा कोई छूट नहीं मिलेगी। इन संपत्तियों के ट्रांसफर पर 1% टीडीएस भी लागू होगा। वर्चुअल करेंसी को गिफ्ट देने पर भी टैक्स चुकाना होगा।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में हुआ इजाफा इसके साथ ही इस बजट में कृषि में नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्राकृतिक और जीरो बजट खेती को प्रोत्साहित करने की बात कही गई है. वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार साल 2022-23 में किसानों के गेहूं और चावल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी के लिये 2.37 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. हालांकि, वित्तमंत्री ने बजट में एमएसपी की गारंटी देने के संबंध में कुछ नहीं कहा
इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि इस बजट में घटा दी गई है. साल 2021-22 में सरकार ने इस योजना के तहत 16000 करोड़ की राशि आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था. इस बार यह रकम 15500 रह गई है. यानी इस योजना में 500 करोड़ की कटौती कर दी गई है. प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना की रकम को इस बार दोगूना कर दिया गया है.
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