भगवान विष्णु को क्यों लेना पड़ा कछुए का अवतार? इस दिन घर ये एक चीज लाने से बढ़ेगी धन-दौलत
Kurma Jayanti 2022: हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कूर्म जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के कूर्म यानी कछुए के अवतार की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सतयुग में समुद्र मंथन के वक्त भगवान विष्णु ने विशाल मंदराचल पर्वत उठाने के लिए कछुए का अवतार ले लिया था. इस बार कूर्म जयंती रविवार, 15 मई को मनाई जाएगी.
क्यों भगवान विष्णु ने लिया था कछुए का अवतार?
पैराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान मंदार पर्वत को उठाने के लिए देवताओं को किसी ऐसी चीज की जरूरत थी, जो ठोस होते हुए भी पानी में ना डूब सके. ऐस में भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लिया और अपनी पीठ पर विशाल मंदराचल पर्वत को उठा लिया. इसके बाद ही समुद्र मंथन संभव हो सका. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान विष्णु ने सतयुग में कूर्म अवतार लिया था. यह भगवान विष्णु का दूसरा अवतार माना जाता है. इस दिन घर में भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है.
कूर्म जयंती का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि रविवार, 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से सोमवार, 16 मई सुबह 09 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इस दौरान 15 मई को कूर्म जयंती पड़ रही है. इस दिन शाम 4 बजकर 22 मिनट से लेकर 7 बजकर 05 मिनट तक पूजा के लिए अबूझ मुहूर्त बन रहा है.
इस दिन घर ले आएं ये एक चीज
ज्योतिषिविदों का कहना है कि कूर्म जयंती के दिन घर में चांदी या धातु से बना कछुआ लाना बहुत शुभ होता है. इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम होता है. आप घर की उत्तर दिशा में कूर्म यंत्र भी रख सकते हैं. इसे बेडरूम में रखने की बजाए ड्रॉइंग रूम में रखें. जिस घर में धातु से बना कछुआ रहता है, वहां कभी धन के भंडार खाली नहीं रहते हैं.
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