जीवन में ये गलतियां नहीं करने पर खुश होंगी मां लक्ष्मी, यहां देखें
महामाया महालक्ष्मी को उजस पसंद है। उजस का अर्थ है अंदर और बाहर उज्ज्वल होना। घर में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। इमारतों का निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए कि सूरज की रोशनी उन पर असर करे। अत्यधिक अँधेरे की स्थिति में रोशनी की संख्या अधिक रखनी चाहिए। लक्ष्मी जी अँधेरे से दुखी हैं।
लक्ष्मीजी को पानी बहुत पसंद है। जल तत्व माना गया है। घर में बहने वाले नालों से महालक्ष्मी का प्रभाव कम होता है। घर में नकदी का प्रवाह गड़बड़ा जाता है। गृहस्वामी को धन की कमी का अनुभव होता है। घर में आए अतिथियों के हर सम्मान से विष्णुप्रिया की प्रसन्नता बढ़ती है। अतिथि देवो भवः की नीति का पालन करते हुए घर से भूखे-प्यासे नहीं जाना चाहिए।
गाय, कुत्ते और भिखारी के लिए नियमित भोजन घर से निकाल देना चाहिए। किसी के प्रति अनादर की भावना रखने से लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं। घर में आदर के साथ गुरुओं और विद्वानों को बुलाना चाहिए। इनके शुभ चरण नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाते हैं। उनकी खूबसूरत बातों से परिवार को फायदा होता है। शुभ संस्कारों की वृद्धि से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। गुरु और पात्र का अनादर करने से भाग्य में कमी आती है। लक्ष्मीजी की कृपा घटती है।
धनधान्य आपसी प्रेम भावनाओं और बातचीत से प्रभावित होता है। खुशी-खुशी रहने वाले परिवार चंद में खुशी-खुशी रहते हैं। उन पर महालक्ष्मी की कृपा बरसती है। ऐसे घरों में रोग दोष, समस्या और अपर्याप्तता आदि का प्रवेश नहीं होता है। घर के लोग झगड़े में रहते हैं और सुख की शांति भंग करते हैं। देवी लक्ष्मी उनसे नाराज हो जाती हैं।
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