क्रिसमस के रंग में रंगने लगी पहाड़ों की रानी शिमला, क्राइस्ट चर्च में

शिमला: क्रिसमस डे सेलिब्रेशन के लिए पहाड़ों की रानी शिमला क्रिसमस के रंग में रंगने लगी है। शिमला शहर के ऐतिहासिक क्राइस्ट और कैथोलिक चर्च में क्रिसमस पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस डे के लिए सभी तैयारियां भी मुकम्मल कर ली गई है। क्रिसमस के मौके पर देशभर से पर्यटकों का सैलाब शिमला में उमड़ने की पूरी-पूरी संभावना बनी हुई है।
क्राइस्ट चर्च को जहाँ शिमला का माइल स्टोन माना जाता है, तो वहीं यहां प्रार्थना के लिए 175 साल पहले इंग्लैंड से लाई कॉल बेल का भी अपना ही महत्व है। इसे प्रार्थना से पहले बजाया जाता है। वहीँ, क्रिसमस डे सेलिब्रेशन के लिए रिज मैदान पर क्राइस्ट चर्च और कैथोलिक चर्च में रंग-बिरंगी लाइटिंग की गई है। दोनों ही चर्चा में की गई रंग-बिरंगी लाइटिंग पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
बता दें, क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस डे पर पहले सुबह 9:30 बजे अंग्रेजी में और फिर सुबह 11 बजे हिंदी में प्रार्थना की जाएगी। कैंडल जलाकर क्रिसमस के गीत गाए जाएंगे। वहीँ, क्रिसमस का पर्व नजदीक आते ही बाजारों में चहल-पहल बढ़ने लगी है। दुकानों में क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज की ड्रेस सजाई गई है। बाजार में सांता क्लॉज की ड्रेस, क्रिसमस ट्री, केक आदि की खरीदारी होने लगी है।
क्राइस्ट चर्च को जहाँ शिमला का माइल स्टोन माना जाता है, तो वहीं यहां प्रार्थना के लिए 175 साल पहले इंग्लैंड से लाई कॉल बेल का भी अपना ही महत्व है। इसे प्रार्थना से पहले बजाया जाता है। वहीँ, क्रिसमस डे सेलिब्रेशन के लिए रिज मैदान पर क्राइस्ट चर्च और कैथोलिक चर्च में रंग-बिरंगी लाइटिंग की गई है। दोनों ही चर्चा में की गई रंग-बिरंगी लाइटिंग पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
बता दें, क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस डे पर पहले सुबह 9:30 बजे अंग्रेजी में और फिर सुबह 11 बजे हिंदी में प्रार्थना की जाएगी। कैंडल जलाकर क्रिसमस के गीत गाए जाएंगे। वहीँ, क्रिसमस का पर्व नजदीक आते ही बाजारों में चहल-पहल बढ़ने लगी है। दुकानों में क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज की ड्रेस सजाई गई है। बाजार में सांता क्लॉज की ड्रेस, क्रिसमस ट्री, केक आदि की खरीदारी होने लगी है।
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