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खानपान की गलत आदतें हैं किडनी स्टोन का कारण, जानिए क्या खाएं और क्या न खाएं

खानपान की गलत आदतें हैं किडनी स्टोन का कारण, जानिए क्या खाएं और क्या न खाएं

गुर्दे की पथरी का इलाज : गुर्दे की पथरी एक आम स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, लेकिन कभी-कभी इसे नज़रअंदाज़ करना और भी गंभीर बीमारियों को जन्म दे देता है। किडनी खून साफ ​​करने के साथ ही हानिकारक पदार्थों को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है। गुर्दे की पथरी तब बनती है जब खराब खान-पान, जटिल बीमारियों, कुछ दवाओं को लंबे समय तक लेने के दुष्प्रभाव या अन्य कारणों से गुर्दे में ये हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते हैं।

गुर्दे की पथरी के लक्षण: दर्द आमतौर पर पथरी के कारण होता है, लेकिन पथरी के आकार और स्थान के आधार पर अन्य समस्याएं हो सकती हैं:

– पसलियों के नीचे और पीठ में असहनीय दर्द

– दर्द कभी-कभी जांघ तक महसूस होता है

– पेट या कमर दर्द कभी धीमा तो कभी तेज होता है

– पेशाब के रंग में बदलाव होना

– पेशाब में खून आना

– यूरिन पास करने में दर्द होना

– बार-बार उल्टी होना

– बुखार

– उच्च रक्त चाप

– घबराहट और पसीना आना

ये गुर्दे की पथरी या पथरी कैल्शियम, ऑक्सालेट, पोटेशियम, फॉस्फोरस और यूरिक एसिड से बनी होती है। कुछ मामलों में यह जेनेटिक भी हो सकता है। लोगों को गुर्दे की पथरी के बारे में आंशिक रूप से ही पता चलता है जब उन्हें दर्द की समस्या होती है और वे डॉक्टरी सलाह पर जांच करवाते हैं। यदि पथरी का आकार छोटा है और जल्दी पता चल जाता है, तो दवा के निदान का एक अच्छा मौका है।


पहचान: गुर्दे की पथरी का आकार और इसका पता कैसे लगाया जाएगा, यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कुछ परीक्षण करते हैं। इसमें शामिल है:

– मूत्र परीक्षण

– रक्त परीक्षण

– एक्स-रे

– अल्ट्रासाउंड

– सीटी स्कैन

जब पथरी का आकार बड़ा होता है और संख्या एक से अधिक होती है, तो समाधान सर्जिकल होता है। अक्सर जानकारी के अभाव में लोग सोचते हैं कि किडनी स्टोन की समस्या सिर्फ दर्द है, लेकिन ऐसा नहीं है। समय के साथ इसके कई लक्षण सामने आते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो ये पथरी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। कई बार यूरेटर में स्टोन फंस जाने के कारण समस्या गंभीर हो जाती है। इनके कारण किडनी कैंसर और मूत्र संबंधी रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई बार किडनी स्टोन भी किडनी फेलियर का कारण बन जाता है।

यह किया जाना चाहिए

– खूब पानी पिए

– वजन नियंत्रण में रखें

– मांस खाने से परहेज करें

– जरूरत के मुताबिक प्रोटीन खाएं

– हरी सब्जियां खाएं

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