पैरों में क्यों नहीं पहना जाता सोना, आखिर क्या है वजह
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाओं के लिए कुल सोलह तरह के श्रृंगारों का वर्णन किया गया है जिसे सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है अधिकतर महिलाएं पर्व त्योहार या किसी विशेष कार्यक्रम में सोलह श्रृंगर करती है इन सोलह तरह के श्रृंगार में बहुत सारी चीज़े शामिल होती है जिसमें से एक पायल भी माना जाता है अधिकतर महिलाओं को पायल पहनना बेहद प्रिय होता है क्योंकि वो उनकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है।
ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं द्वारा पायल पहनने से स्वास्थ्य को भी लाभ होता है लेकिन आपने कभी किसी महिला को सोने की पायल पहनते नहीं देखा होगा। सभी महिलाएं अधिकतर चांदी से निर्मित पायल ही पैरों में पहनती है, ऐसे में अधिकतर लोगों के मन में ये प्रश्न उठता है कि महिलाएं आखिर पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहनती है या फिर सोने की कोई भी चीज़ पैरों में क्यों नहीं धारण करती है अगर आप भी इसका उत्तर जानना चाहते है तो हमारा ये लेख पूरा पढ़ें।
धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में महिलाओं के आभूषण पर कई खास बातें बताई गई हैं इन्हीं में से एक है पायल। माना जाता है कि कमर के नीचे पहनने वाले गहने कभी सोने के नहीं होने चाहिए । इसे अशुभ माना जाता है धार्मिक तौर पर अगर देखे तो सोने को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है पैरों में सोने की पायल धारण करने से धन की देवी मां लक्ष्मी का अपमान होता है कहा जाता है कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
वही ज्योतिष में कहा गया है कि पैरों के जिस हिस्से में पायल पहनी जाती है वहां केतु का स्थान होता है केतु को शांत करने के लिए चांदी की पायल धारण करना उत्तम होता है। माना गया है कि अगर केतु शांत नहीं रहता है तो शरीर के नीचले हिस्से पर रोगों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में माना गया है कि गलती से भी सोने से निर्मित किसी भी चीज़ को पैरों या फिर मकर के नीचे न धारण करें ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है।
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