पेट संबंधी रोगों का रामबाण इलाज है सत्तू, डायबिटीज ही नहीं मोटापे को भी करे दूर
आपने बिहार-यूपी का फेमस डिश सत्तू के बारे में तो जरूर सुना होगा। भुने हुए जौ और चने को पीस कर बनाए गए इस मिश्रण को पानी में घोल कर खाया जाता है। साथ ही सत्तू से कई अलग अलग तरह के व्यंजनों को भी बनाया जाता है। बिहार का फेमस डिश लिट्टी-चोखा के लिट्टी में सत्तू हीं भरा होता है। ज्यादातर लोग सत्तू को स्वाद के लिए खाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सत्तू खाने से मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां दूर होती हैं। इसे खाने से पेट के रोग भी दूर होते हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो आधुनिक दिनचर्या में 90 प्रतिशत लोग गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस नामक रोग से पीड़ित रहते हैं। हर समय जल्दबाजी, तनाव और मिर्च-मसालों का अधिक सेवन करने से पेपटिक ग्रंथि से गैस्ट्रिक जूस का रिसाव होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है। सत्तू का सेवन करने से इस रिसाव को कम करने में काफी मदद मिलती है।
इतना ही नहीं सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास और आंखों से जुड़ी बीमारी में बेहद लाभदायक होता है। डॉक्टर्स के अनुसार अपने पेट को ठीक रखने लिए सत्तू का सेवन फायदेमंद हैं। आइए जानते हैं सत्तू खाने के फायदे और नुकसान के बारे में।
सत्तू खाने के फायदेतुरंत मिले एनर्जी
ज्यादातर सत्तू का सेवन गर्मियों में किया जाता है, क्योंकि तेज धूप में बाहर निकलने के कारण थोड़ी वीकनेस सी महसूस होती है। ऐसे में सत्तू तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं। सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो आपके शरीर की थकान मिटाकर आपको इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता हैं।मोटापा दूर करता है सत्तू
आपको बता दें कि सत्तू में वे सभी जरूरी तत्व शामिल होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरुरी हैं। इसका सेवन करने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिसके चलते व्यक्ति को वजन कम करने में मदद मिलती है।डायबिटीज की समस्या
सत्तू के अंदर बीटा-ग्लूकेन मौजूद होता है। जो बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करके ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं। सत्तू का सेवन रोजाना करने से मधुमेह रोगी डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। ध्यान रखें इस रोग से पीड़ित लोगों को चीनी वाले सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।
एनीमिया से बचाता है
शरीर में खून की कमी होना, एनिमिया का कारण बनता है। अगर कोई एनिमिया से पीड़ित है तो उसे रोज पानी में सत्तू मिलाकर पीना चाहिए। इससे काफी लाभ मिलता है।लू से बचाता है
इसकी तासीर ठंडी होती है। यही कारण है कि इसे गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिसकी वजह से व्यक्ति को लू नहीं लगती है। साथ ही शरीर का तापमान नियंत्रित रहने से पेट संबंधी कई बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।ब्लडप्रेशर में फायदेमंद
ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक होता है। इसके लिए सत्तू में नींबू, नमक, जीरा और पानी मिलाकर सेवन करना चाहिए।
शरीर में खून की कमी होना, एनिमिया का कारण बनता है। अगर कोई एनिमिया से पीड़ित है तो उसे रोज पानी में सत्तू मिलाकर पीना चाहिए। इससे काफी लाभ मिलता है।लू से बचाता है
इसकी तासीर ठंडी होती है। यही कारण है कि इसे गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिसकी वजह से व्यक्ति को लू नहीं लगती है। साथ ही शरीर का तापमान नियंत्रित रहने से पेट संबंधी कई बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।ब्लडप्रेशर में फायदेमंद
ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक होता है। इसके लिए सत्तू में नींबू, नमक, जीरा और पानी मिलाकर सेवन करना चाहिए।
कब्ज से बचाता है
सत्तू में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। यह फाइबर खाने को पचाने की प्रक्रिया को तेज करके पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और कब्ज नहीं होने देता है।
सत्तू में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। यह फाइबर खाने को पचाने की प्रक्रिया को तेज करके पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और कब्ज नहीं होने देता है।
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