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ह्यूमन ब्लड से तैयार हुआ इंजेक्शन, कमर दर्द की होगी 'छुट्टी'

हेल्थ न्यूज़ डेस्क, जोड़ों का दर्द बहुत ही आम है। देश और दुनिया में लोग गठिया की समस्या से जूझ रहे हैं। वे इस बीमारी के इस कदर शिकार हो जाते हैं कि गोलियां खाकर ही गुजारा करते हैं। फेसेट जॉइंट सिंड्रोम एक ऐसा ही दर्द है। यह दर्द कमर में इतना तेज होता है कि व्यक्ति न तो बैठ पाता है और न ही लेट पाता है। इसलिए अगर शुरुआत में ही इसके लक्षण दिखाई देने लगें तो इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए।

पहले जानिए, क्या है फेशियल जॉइंट सिंड्रोम
फेसेट सिंड्रोम एक ऐसा सिंड्रोम है जिसमें फेसेट जॉइंट (सिनोवियल आर्थ्रोसिस) दर्दनाक लक्षण पैदा करता है। ये लक्षण डिस्क रोग के साथ दिखाई देते हैं। आमतौर पर इसे पीठ के पिछले हिस्से में देखा जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने बताया, इंसान के खून से तैयार किया गया इंजेक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बीएचयू में ऑर्थोपेडिक्स एंड एनेस्थीसिया विभाग के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी का आसान इलाज ढूंढ निकाला है. उन्होंने इसके बारे में अध्ययन किया। अध्ययन में सामने आया कि मरीज के खून से तैयार प्लेटलेट रिच प्लाज्मा यानी पीआरपी बीमारी में काफी सफल साबित हुआ है.

दो समूहों में विभाजित
बीएचयू विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि पीआरपी इंजेक्शन के परीक्षण के लिए 15-15 लोगों के दो समूह तैयार किए गए थे. समूह में एक समूह को पीआरपी के इंजेक्शन दिए गए, जबकि दूसरे समूह को स्टेरॉयड के इंजेक्शन दिए गए। पीआरपी इंजेक्शन के नतीजे बेहतर देखे गए हैं।

प्रभाव 6 महीने से अधिक समय तक रहता है
इस इंजेक्शन की अच्छी बात यह है कि यह 6 महीने से ज्यादा समय तक काम करेगा। इससे मरीज को जल्दी इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जबकि अभी तक लोग दर्द से बचने के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन लेते हैं। इसका प्रभाव 3 से 6 सप्ताह तक रहता है। स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव भी व्यक्ति के शरीर पर देखने को मिलते हैं।

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