इस आसान टेस्ट से जानिए कोरोना से कितना सुरक्षित है आपका मास्क

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मार्केट में कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं। इनमें सर्जिकल मास्क, हैंडमेड मास्क, केएन-95 मास्क इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त जिस व्यक्ति को जो रंग और कपड़ा अच्छा लगता है, उसका मास्क बनाकर पहन लेता है। हालांकि किसी भी कपड़े का मास्क पहनने में कोई बुराई नहीं है
अगर आप इस बात को लेकर पूरी तरह श्योर हैं कि आपका मास्क पूरी तरह सुरक्षित है और कपड़े के महीन छिद्रों से कोरोना वायरस आपकी सांसों में नहीं जा पाएगा तब कपड़े का मास्क यूज करने में कोई बुराई नहीं है। अब आप पूछेंगे कि मास्क तो मास्क होता है इसमे सुरक्षित और असुरक्षित की बात कहाँ से आ गई तो दोस्तों इसके लिए आपको सबसे पहले मास्क के बारे में समझना होगा।
कपड़े और कोरोना के साइज को समझें
जब किसी कपड़े को बनाया जाता है तो उसमें दो तरफ से बुनाई के धागे चलते हैं। इनमें एक को ताना और दूसरे को बाना कहते हैं। ताना- बाना से तैयार की गई गूथ से जब कपड़ा बन जाता है तो कपड़े के बीच बहुत महीन छेद दिखाई पड़ते हैं। ये छेद वही गैप होता है, जो ताने से बाने को गूथते वक्त दो गूथ के बीच रह जाता है। इन छिद्रों की चौड़ाई आमतौर पर 1 मिलीमीटर से लेकर 0.1 मिलीमीटर तक होती है।
हम आपको बताना चाहेंगे कि कोरोना वायरस युक्त हवा में तैरनेवाली ड्रॉपलेट्स का साइज इन छिद्रों से हजार गुना छोटा होता है। यानी इन कपड़ों की सिंगल लेयर के बीच से कोरोना ड्रॉपलेट्स बहुत ही आराम के साथ संक्रमित व्यक्ति के शरीर से बाहर जा सकती हैं और बाहर से किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना वायरस के पार्टिकल्स का साइज 0.08 माइक्रोमीटर्स होता है यानि आपके कपड़ों के बीच के गैप से भी छोटा।
ऐसे में जब किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से सांस के अतिरिक्त जब खांसी और छींक के साथ ये ड्रॉपलेट्स बाहर निकलती हैं तो इनकी गति सांस के जरिए बाहर आनेवाली ड्रॉपलेट्स की गति से कहीं अधिक होती है। पिछले दिनों हेल्थ एक्सपर्ट्स की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मौसम में अगर नमी हो तो कोरोना ड्रॉपलेट्स बिना हवा के भी 13 फीट दूर तक जा सकती हैं।
इस स्थिति में 13 फीट तक की दूरी में स्थित लोगों के संक्रमित होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। साथ ही अगर इस दौरान हवा भी चल रही हो तो जब तक कोरोना की ड्रॉपलेट्स हवा के द्वारा अवशोषित की जाएंगी, तब तक वे 13 फीट से भी अधिक दूरी का सफर तय कर चुकी होगीं। इस स्थिति में इस संक्रमण के फैलने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
इस स्थिति से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा बार-बार इस बात की सलाह दी जा रही है कि यदि आप घर पर बने किसी मास्क का उपयोग कर रहे हैं तो इस मास्क को सूती कपड़े से तैयार करें। साथ ही मास्क बनाते समय इसमें 4 से 5 लेयर रखें। मास्क ऐसा हो जो आपकी नाक और मुंह दोनों को कवर कर सके।
क्या है मोमबत्ती टेस्ट?
अब सवाल ये उठता है कि कैसे पता करें कि आप जो मास्क यूज कर रहे हैं वो आपके लिए सुरक्षित है या नहीं। इसके लिए हम आपको बताते हैं मोमबत्ती टेस्ट।
मोमबत्ती टेस्ट के जरिए आप घर बैठे ही बहुत आराम से इस बात का पता लगा सकते हैं कि आप जो मास्क पहन रहे हैं, वह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी है या नहीं।
इसके लिए आप एक मोमबत्ती को जलाकर रख लें। अब अपने चेहरे पर मास्क पहनकर इस मोमबत्ती को फूंक मारकर बुझाने की कोशिश कीजिए। यदि आपके मुंह से निकली हवा इस मास्क को पारकर मोमबत्ती को बुझा देती है तो समझ जाइए कि आपका मास्क कोरोना वायरस को रोक पाने में सक्षम नहीं है।
यदि आपके मास्क से हवा नहीं निकलती है और मोमबत्ती की लौ एकदम सामान्य तरीके से जलती रहती है तो समझ जाइए कि आपका मास्क आपको कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह बचा रहा है।
लेकिन यदि मास्क को पार कर हवा इतने ही वेग से आगे जा पाती है कि मोमबत्ती की लौ को हल्का-सा झटका लगता है या लौ डिस्टर्ब होती है, तो इस स्थिति में बेहतर होगा कि आप अपना मास्क बदल लें। क्योंकि यह मास्क कोरोना से पूरी तरह प्रोटेक्शन देने में समर्थ नहीं है।
क्या है इसके पीछे का लॉजिक?
आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर मोमबत्ती को बुझा पाने या ना बुझा पाने से मास्क की उपयोगिता कैसे सिद्ध होती है? तो इसका उत्तर यह है कि यदि आपकी सांसों की हवा मास्क को भेदकर बाहर जा सकती है तो सांस लेने और बातचीत करने के दौरान बाहर की हवा आपके मास्क के अंदर भी आ सकती है। ऐसे में यदि उस हवा में कोरोना वायरस युक्त ड्रॉपलेट्स हुईं तो मास्क पहनने के बावजूद आपको कोरोना संक्रमण होने का रिस्क बना रहेगा।
इसके अलावा हम आपसे ये अनुरोध करेंगे कि जब तक जरूरी न हो तब तक घर से बाहर न निकलें और अगर घर से बाहर निकलते भी हैं तो मास्क जरूर लगाएं और सैनिटाइजर की छोटी डिब्बी अपने साथ जरूर रखें और समय-समय पर सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ करते रहें।
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