History of Chamba 1900: चंबा का इतिहास
वर्ष 1900 की बात है, जब चम्बा के राजा गोपाल सिंह वर्मन के यशस्वी पुत्र राजा शाम सिंह वर्मन, अपने अनुज मियां भूरी सिंह वर्मन के साथ चम्बा पर राज कर रहे थे। उस समय लगभग आधे हिंदुस्तान पर ब्रिटिशराज था, जिस पर वाइसराय शासन करता था।
1899 को लार्ड कर्ज़न ब्रिटिश भारत का वायसराय बना। उसकी नियुक्ति इंग्लैंड के सम्राट ने खासतौर पर ब्रिटिशराज की हुकूमत को भारत में मज़बूत करने के लिए की।
अपनी नियुक्ति के पहले के कुछ वर्षों में वह चम्बा आया और उसने अपनी पत्नी मैरी सहित, चम्बा में काफी समय व्यतीत किया। इस दौरान, कर्ज़न ने चम्बा के बहुत से स्थानों पर भ्रमण किया और क्यूंकि वह तत्कालीन भारत का सबसे ताकतवर व्यक्ति था, इसलिए उसके पास तत्कालीन अत्याधुनिक कैमरे थे, जिनका प्रयोग उसने चम्बा भ्रमण के दौरान किया और कई चित्र लिए, जिन्हे ब्रिटिश आर्काइव्ज और विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम लंदन में संग्रहित किया गया है।
प्रस्तुत चित्र लार्ड कर्ज़न ने अपनी चम्बा यात्रा के दौरान लिए हैं और हमारे कड़े परिश्रम के बाद हमें लार्ड कर्ज़न द्वारा लिए गए चम्बा के चित्र मिले हैं, जो हम आपसे शेयर कर रहे हैं।
चम्बा शहर के दक्षिणी भाग से वर्ष 1901 को लिया हुआ चम्बा शहर का मनोरम चित्र
जुम्हार में राजा का समर महल जो की अब विलुप्त हो चूका है
राजा शाम सिंह वर्मन, चम्बा की सेना का निरिक्षण करते हुए
लार्ड कर्ज़न का तत्कालीन काफिला पक्का टाला पुल को पर करता हुआ
वर्ष 1900 में चम्बा का राजकीय विद्यालय। वर्तमान में यह कोर्ट के पास स्थित है और संभवतः तहसीलदार कार्यालय है
वर्ष 1901 का खज्जियार
वर्ष 1901 में खींचा गया लक्ष्मी नारायण मंदिर का चित्र
वाइसराय कर्ज़न का मंडल, चम्बा के राजा शाम सिंह वर्मन और मियां भूरी सिंह वर्मन के साथ चित्र लेते हुए
No comments