दर्श अमावस्या 17 जून को, इन उपायों से दूर होगा पितृ दोष
Darsha Amavasya 2023। हिंदू धर्म में मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिजनों का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून सुबह 9.11 बजे से हो रही है और यह तिथि 18 जून सुबह 10.06 बजे बजे समाप्त होगी। ऐसे में दर्श अमावस्या 17 जून शनिवार को मनाई जाएगी। उदया तिथि के चलते आषाढ़ अमावस्या 18 जून को होगी और इसका दान पुण्य भी 18 जून रविवार के दिन ही श्रेष्ठ माना जाएगा।
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में शांति आती है और जीवन में संघर्ष कम होते हैं। दर्श अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न रखने के लिए सुबह स्नान कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि करना चाहिए। पितरों के लिए दीपक जलाना चाहिए।
दर्श अमावस्या पर रखें व्रत
लग्न कुंडली के मुताबिक जिन जातकों के कुंडली में चंद्र कमजोर होता है। उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखना चाहिए और चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से जातक का भाग्योदय होता है और देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।
भूलकर भी न करें ये काम
दर्श अमावस्या के दिन प्रेत आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। इसलिए बुरे काम करने से बचना चाहिए। शराब, मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी का दिल दुखाने जैसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए।
सफेद वस्त्रों का करें दान
दर्श अमावस्या का चंद्र देव का पूजन करने से साथ ही पितरों को याद करते हुए गरीबों को सफेद वस्त्र दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। इस दिन पीपल या बरगद के पेड़ को कच्चा दूध और जल मिलाकर अर्पित करना चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन घर में कपूर जलाएं और जलते हुए कंडे/उपले पर गुड़ घी के मिश्रण की आहुति दें। ऐसा करने से भी पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में शांति आती है और जीवन में संघर्ष कम होते हैं। दर्श अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न रखने के लिए सुबह स्नान कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि करना चाहिए। पितरों के लिए दीपक जलाना चाहिए।
दर्श अमावस्या पर रखें व्रत
लग्न कुंडली के मुताबिक जिन जातकों के कुंडली में चंद्र कमजोर होता है। उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखना चाहिए और चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से जातक का भाग्योदय होता है और देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।
भूलकर भी न करें ये काम
दर्श अमावस्या के दिन प्रेत आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। इसलिए बुरे काम करने से बचना चाहिए। शराब, मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी का दिल दुखाने जैसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए।
सफेद वस्त्रों का करें दान
दर्श अमावस्या का चंद्र देव का पूजन करने से साथ ही पितरों को याद करते हुए गरीबों को सफेद वस्त्र दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। इस दिन पीपल या बरगद के पेड़ को कच्चा दूध और जल मिलाकर अर्पित करना चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन घर में कपूर जलाएं और जलते हुए कंडे/उपले पर गुड़ घी के मिश्रण की आहुति दें। ऐसा करने से भी पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।
No comments