Breaking News

हिमाचल के पंप ऑपरेटर का दुख, 18 महीनों से नहीं मिली सैलेरी, बीमार पत्नी ने तोडा दम

हिमाचल के पंप ऑपरेटर का दुख; 18 महीनों से नहीं मिली सैलेरी: बीमार पत्नी ने तोडा दम

हिमाचल प्रदेश के श्री नैना देवी से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे सरकार के उन तमाम वादों व दावों के मुंह पर करारा तमाचा लगा है जिसमें गरीबों के लिए इलाज के मुफ़्त होने के कसीदे पढ़े जाते है। यहां मुफ्त इलाज तो छोड़ो बुधि राम (Budhi Ram) को अपने खून-पसीने की कमाई के पैसे भी समय पर नहीं मिले। नतीजा ये हुआ कि बुधि राम को ऐसा नुकसान हो गया, जिसकी भरपाई अब कोई नहीं कर सकता। बुधि राम ने अपनी पत्नी को पैसों के अभाव के कारण हमेशा के लिए खो दिया।

सवाल यह है कि क्या बुधि राम के लिए वह सरकारी योजनाएं नहीं बनी जिनका सरकार हर सार्वजनिक मंच पर ऊंचे स्वर में जाप करती है। लाजमी तौर पर आपके जेहन में यह सवाल कौंध रहा होगा कि आखिर बुधि राम के साथ ऐसा क्यों हुआ?

दरअसल, बुधि राम जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटर के पद पर तैनात है। श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के गांव मकड़ी गांव के रहने वाले बुधि राम की 33 वर्षीय पत्नी निशा कुछ दिनों से बीमार चल रही थी।

आपातकालीन स्थिति में नंगल सिविल हॉस्पिटल (Nangal Civil Hospital) में भर्ती करवाया गया था। बुधि राम का कहना है कि प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनसे कहा कि इसे किसी अच्छे अस्पताल में ले जाएं, जहां उनका इलाज अच्छे से हो जाएगा।बुधि राम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और हो भी कैसे? 18 महीनों से सड़कों पर उतरकर अपने हक़ की भीख मांग रहे है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं। 18 महीने से पंप ऑपरेटर बुधि राम को वेतन नहीं मिला है। जिस कारण इलाज में परेशानियों का सामना कर रहा था। रिश्तेदारों से पैसे मांगने के बावजूद भी वह इतने पैसे नहीं जुटा पाया कि पत्नी का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में करवा सके। नतीजा ये हुआ कि इलाज के आभाव में बुधि राम की पत्नी निशा देवी ने दम तोड़ दिया।

रोते बिलखते बुधि राम ने सरकार से मांग की है कि मुझे वेतन न मिलने से कभी न भरने वाले जख्म मिले है। मेरे लिए यह बहुत दुखदाई पल है। सरकार से निवेदन है कि किसी का भी वेतन न रोका जाए और समय-समय पर सभी को उनका मेहनताना मिलता रहे।

उधर, एक पहल वेलफेयर संस्था के जिला अध्यक्ष चौधरी रतन सिंह ने कहा क्या हिमाचल सरकार निशा देवी की जान की जिम्मेवारी लेगी? उन्होंने कहा लंबे समय से सरकार के साथ से मांग कर रहे है कि पंप ऑपरेटरों का वेतन 18 महीने से जो नहीं दिया गया है उसका समय पर भुगतान किया जाए। वेतन न मिलने से परिवारों का गुजर बसर करने में मुश्किल आ रही है। यह घटना उसी का प्रमाण है। एक पंप ऑपरेटर को अपनी पत्नी की जान से ही हाथ धोने पड़े है । इससे बड़ा नुकसान जीवन में कोई नहीं हो सकता।

एक पहल वेलफेयर संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय शर्मा ने कहा कि 23 जून से हमारी भूख हड़ताल एक अटल फैसला है। इसको अब उग्र तरीके से चलाया जाएगा। हम मृतक निशा देवी की मौत का हिसाब भी हिमाचल सरकार से लेंगे।

No comments