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सपने क्या सच होते हैं और किस समय देखा सपना होता है सच

क्या होता है सहज सपना
सपनों को लेकर लोगों की मान्यताएं अलग-अलग हैं। कुछ लोग कहते हैं जैसा हम सपने में देखते हैं, वैसा तो कुछ होता नहीं और कुछ का कहना है कि वे जो सपने देखते हैं, वो आगे चलकर सच हो जाते हैं। इन सपनों को सहज सपने यानी ‘इन्टूइटिव ड्रीम्स (Intuitive Dream)’। जब टाइटैनिक डूबा था, तो उसके बारे में कुछ लोगों ने पहले ही सपने में देख लिया था और वैसा ही हुआ।

दिन में जो आएं सपने, उनका क्या है मतलब?
कुछ लोग नाइट शिफ्ट करते हैं और दिन में सोते हैं। फिर जो वे सपने देखते हैं, उसका प्रभाव बहुत ही कम हो जाता है। सपनों का ताल्लुक नींद के साथ-साथ रात से भी होता है। इसका मतलब जो सपने आप रात में देखते हैं, उनका प्रभाव सबसे बेहतर माना जाता है और दिन में देखे गए सपनों का प्रभाव बेहद कम माना गया है।

कुंडली से जुड़ी होती हैं घटनाएं
कुछ घटनाएं कुंडली के मुताबिक भी घटती हैं, जैसे आपकी कुंडली में आपकी क्या ग्रह दशाएं चल रही हैं। हो सकता है, ग्रह दशाएं ऐसी चल रही हों कि वे अच्छे से अच्छे सपने के प्रभाव को भी क्षीण कर दें। लेकिन सपने तो आपकी ग्रह दशाएं या आपकी उम्र कितनी है, देखकर नहीं आते।

जो देखा, हूबहू वैसा ही हुआ
कुछ लोगों के साथ ऐसा होता है, जैसे उन्होंने सपने में किसी की मौत देखी। बाद में पता चला सचमुच उसकी मौत हो गई। ऐसे लोग कहते हैं कि हमें बहुत डर लगता है, इस तरह का कोई सपना हमने देखा, तो कहीं वो आगे चलकर सच न हो जाए। वो बताते हैं, आज तक जितने भी सपने उन्होंने देखे और जिसके बारे में देखे, हूबहू वैसा ही हुआ।

वहीं कुछ लोग कहते हैं हमने सपने में जो देखा, वैसा कुछ नहीं हुआ। सपने का सच होना इस बात पर निर्भर करता है कि वे किस पहर में देखे गए। हो सकता है, वो सपना रात 12 से 2 बजे के बीच में देखा हो। कुछ सपनों के परिणाम आने में कई बार साल लग जाते हैं और कई सपनों की सत्यता कुछ महीने में ही सामने आ जाती है, लेकिन जो सपने ब्रह्म मुहूर्त में देखे जाते हैं, उनके परिणाम बहुत जल्दी आ जाते हैं। स्वप्नशास्त्र के अनुसार, रात 12 बजे के सपने का मतलब अलग है, 12 से 2 बजे के बीच के सपने का मतलब बिल्कुल अलग। रात 2 से सुबह 4 बजे के सपने का मतलब कुछ और होता है। इसी तरह सुबह 4 से 6 बजे अर्थात् ब्रह्म मुहूर्त के सपने का अर्थ इन सबसे बिल्कुल अलग होगा।

सोने से पहले रोज ऐसा करना चाहिए
एस्ट्रोलॉजर मनीषा कौशिक का कहना है कि ऐसा बहुत सारे लोगों के साथ होता है कि जो वे सपने में देखते हैं, वैसी ही घटनाएं घट जाती हैं, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए। सपने के प्रभाव को कम करने के लिए आपको सोने से पहले थोड़ी सी साधना कर और भगवान का नाम लेकर सोना चाहिए।

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