बाढ़ से बढ़ सकता है इन 6 गंभीर बीमारियों का खतरा, हो जाए अलर्ट

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली पानी-पानी हुई है। बाढ़ के पानी से यमुना का स्तर खतरे के निशान को पार कर चुका हैं, हालांकि बाढ़ के पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। धीरे-धीरे पानी खतरे के स्तर से नीचे चला जाएगा लेकिन अपने पीछे इस तबाही के नाम-ओ-निशान छोड़कर जाएगा। बाढ़ का पानी संक्रामक बीमारियों का खतरा फैला सकता हैं, इसमें रासायनिक खतरे भी हो सकते हैं। बाढ़ का पानी कई तरह के इंफेक्शन भी फैला सकता है। दूषित पानी और संक्रमित जानवर हज़ारों लोगों को बीमार बना सकते हैं।
गैस्ट्रो विभाग में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने जनसत्ता को बताया कि संक्रमित जानवरों के मूत्र से दूषित पानी के संपर्क में आने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। बाढ़ का पानी कई खतरनाक बीमारियों जैसे कालरा,हेपेटाइटिस ए,टाइफाइड,लेप्टोस्पाइरोसिस,मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। बाढ़ के बाद मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ेगी जिससे मलेरियां और डेंगू की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
दूषित पानी जिसका सेवन करके कई बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस ए,टाइफाइड,हैजा,लेप्टोस्पाइरोसिस और येलो फीवर जैसी परेशानियों का खतरा अधिक हो सकता है। अगर सेहत का ध्यान नहीं रखा जाए तो ये बीमारियां जानलेवा साबिक हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि दूषित पानी और संक्रामित जानवरों के संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों के लक्षणों की पहचान कैसे करें और इनसे बचाव के उपाय क्या हैं।
दूषित पानी के संपर्क से होने वाली बीमारियां और उनके लक्ष्ण
दूषित पानी की वजह से होने वाली बीमारियों में हेपेटाइटिस ए,टाइफाइड,हैजा और लेप्टोस्पाइरोसिस की परेशानी हो सकती है। हेपेटाइटिस ए के लक्षणों की बात करें तो इसमें बुखार, उल्टी और रैशेज जैसी परेशानी हो सकती है। टाइफाइड एक बैक्टीरिया संक्रमण हैं जिसके बैक्टीरिया मरीज के मल में लम्बे समय तक रहते हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो सिरदर्द, बुखार, भूख में कमी, कब्ज और दस्त हो सकते हैं।
बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली बीमारियां और उसके लक्षण
बैक्टीरियल इंफेक्शन गले, फेफड़े, त्वचा, आंत और शरीर के कई अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।बैक्टीरियल इंफेक्शन तब होता है जब बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं। इस संक्रमण की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, लगातार खांसी,स्किन की सूजन, बुखार,बार-बार उल्टी आना, पेशाब,उल्टी, गंभीर पेट दर्द या गंभीर सिरदर्द हो सकता हैं।
- बीमारियों से बचाव के लिए बरतें ये सावधानियांसाफ-सफाई का खास ध्यान रखें। नियमित रूप से हाथों को धोएं।
- दूषित पानी का सेवन नहीं करें। साफ पानी का इस्तेमाल उबालकर करें।
- बाढ़ के पानी के संपर्क में आए फल और सब्जियों का कच्चा सेवन नहीं करें।
- बाढ़ प्रभावित सब्जियों का सेवन अच्छी तरह से पकाकर करें।
- मच्छरों से बचाव करें और घर के आस-पास पानी को जमा नहीं होने दें।
- बाहर का खाना खाने से बचें।
- बच्चों की सेहत का खास ध्यान रखें। बच्चों को दस्त या उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। खुद से इलाज नहीं करें वरना बीमारी बढ़ सकती है।
- बच्चों को पानी अधिक पिलाएं और डिहाइड्रेशन से बचाव करें।
- इस समय सलाद नहीं खाएं तो बेहतर रहेगा। अगर खाते हैं तो सब्जियों को अच्छे से साफ करके खाएं।
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