एसडीएम कौन होता है? ऐसा होता है SDM का रुतबा, मिलती है ये पावर

इन दिनों यूपी में एसडीएम ज्योति मौर्य को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. लोग सोशल मीडिया पर बात कर रहे हैं कि एसडीएम पद और रुतबा मिलने के बाद उन्होंने अपने पति आलोक कुमार मौर्य को छोड़ दिया है. क्या आप जानते हैं कि एसडीएम बनने के लिए क्या पढ़ाई करनी होती है? एसडीएम कैसे बनते हैं? कैसा रुतबा होता है, क्या जिम्मेदारियां हैं? सैलरी और सुविधाओं के बारे. आइए जानते हैं-
एसडीएम कौन होता है?
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम (Sub Divisional Magistrate), एक जिला अधिकारी (District Magistrate या DM) के बाद पूरे जिले में दूसरे नंबर का रुतबा रखता है. इनकी पावर एक डीएम से कम नहीं होती. SDM एक प्रशासनिक पद होता है जो उपनिबंधक मजिस्ट्रेट या उपमजिस्ट्रेट (Assistant Magistrate) के रूप में जाना जाता है. SDM एक उपमजिस्ट्रेट के तहत कार्य करता है और एक उपनिबंधक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्रवाई करने की अधिकारिक शक्ति रखता है.
एसडीएम कैसे बनते हैं?
डीएम का चयन यूपीएससी सिविल परीक्षा के आधार पर होता है, वहीं एसडीए बनने के लिए राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है. हर राज्य का एक आयोग होता है जो सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है जैसे UPPSC, BPSC, RPSC और अन्य राज्य आयोग. इन राज्य की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने वाला SDM बनता है. मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बैचलर डिग्री प्राप्त कर चुके उम्मीदवार राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं.
एसडीएम की पावर
जहां डीएम पूरे जिले का मुख्य अधिकारी होता है, पूरे जिले के काम देखरेख या निगरानी करता है. वहीं एसडीएम जिले के उपखंडों का काम देखता है और डीएम के अधीन काम करता है. SDM 1973 की आपराधिक प्रक्रिया संहिता और कई अन्य छोटी-छोटी कार्रवाइयों के तहत विभिन्न मजिस्ट्रेटी कर्तव्यों को पूरा करता है. SDM का अपने अनुमंडल के तहसीलदारों पर पूरा कंट्रोल होता है और वह अपने अनुमंडल के जिला अधिकारी और तहसीलदार दोनों के बीच संबंध की एक कड़ी का प्रतिनिधित्व करता है. लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखते हैं.
एसडीएम की जिम्मेदारियां
गाडियों का रजिस्ट्रेशन, राजस्व कार्य, चुनाव आधारित कार्य, विवाह पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण और जारी करना, शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण और जारी करना, ओबीसी, एससी/एसटी और डोमिसाइल जैसे प्रमाणपत्र जारी करना.
एसडीएम की सैलरी और सुविधाएं
एक एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ सैलरी मिलती है. SDM की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है. सैलरी के साथ-साथ कई भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं. बिना किराए या मामूली किराए पर स्वयं और परिवार के लिए निवास, सुरक्षा गार्ड और घरेलू नौकर जैसे रसोइया और माली, एक आधिकारिक वाहन (साईरन के साथ), एक टेलीफोन कनेक्शन (इसका बिल सरकार भरती है), बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है, राज्यभर में आधिकारिक यात्राओं के दौरान उच्च श्रेणी आवास की सुविधा, उच्च अध्ययन के लिए अवकाश की सुविधा और पति/पत्नी को पेंशन भी मिलता है.
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