सभी ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण है चंद्रमा, जानिए इसका धार्मिक और ज्योतिष महत्व

इसरो का चंद्रयान जल्द ही चंद्रमा की धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है। चंद्रयान चांद की जमीन पर पहुंचने के कुछ ही कदम दूर है। 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 को भेजा गया था और अब हर भारतीय चंद्रयान 3 की लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 23 अगस्त को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखेगा। इसके बाद चंद्रमा पर कदम रखने वाले देशों में भारत का नाम शामिल हो जाएगा। बता दें कि ज्योतिष में भी चंद्रमा का बहुत महत्व है। ज्योतिष में सूर्य को राजा और चंद्रमा को ग्रहों की रानी की संज्ञा दी है।
चंद्रमा का धार्मिक महत्व
सूर्य जहां आत्मा के कारक माने जाते हैं। वहीं, चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। यही कारण है कि सूर्यग्रहण के समान चंद्र ग्रहण को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जन्म कुंडली में भी चंद्रमा को विशेष माना गया है। इसी के आधार पर राशि तय होती है। चंद्रमा की स्थिति से व्यक्ति के भविष्य का विश्लेषण होता है। अगर कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चंद्रमा को सभी ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह संवेदनशीलता और भावनात्मक गुणों से जुड़ा है। किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से ही उसके भावनात्मक ताकत और कमजोरियों का पता चलता है।
चंद्रमा का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार, अगर जन्म की तिथि शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के बीच हो, तो चंद्रमा शुभ फलदायी होता है। वहीं, जन्म अगर रात्रि में हुआ हो और चंद्रमा अपनी होरा में हो, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। चंद्रमा की स्थिति 6, 8 और 12वें भाव में होना अशुभ होता है। चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति का मन विचलित रहता है, वह खुद को अकेला महसूस करने लगता है।
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