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दिल का छेद नहीं पहचान सका जुनून, कड़ी मेहनत के बाद सिविल जज बनी है गुरिया

Success

 Success कहां जाता है कि अगर इरादे मजबूत हो तो सफलता कदम अपने आप चूमती है। इसी कहावत को सिद्ध किया है जिले के गांव खैरी की गुरिया ने।

दिल में छेद होने के बावजूद भी 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी करके गुड़िया सिविल जज बनी है। इन्होंने गरीबी और तंगी होते हुए कड़ी मेहनत और लगन के कारण यह सफलता हासिल की है।

कुछ लाइनें उन पर बहुत सटीक बैठती है। मैं कैसे हार मान लूं, मैं मेहनत के बल पर सफलता पाने आई हूं।
9 महीने पहले उठ गया पिता का साया

मुस्लिम समाज की बेटी गुरिया ने बताया कि इस मंजिल को अपने के लिए राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी।

मेरे घर के हालात ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे। कि मैं किसी कोचिंग सेंटर में जाकर कोचिंग लो। और मेरी तबीयत भी मेरा बिल्कुल साथ नहीं दे रही थी।

अपने दिल की दिक्कत के कारण मेरी पढ़ाई में अनेक रुकावटें आई।

परंतु उसके बाद भी लगातार 7 से 8 घंटे लगातार सेल्फ स्टडी की घर के हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे।

परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था 9 महीने पहले पिता का साया सिर से उठ गया इरादे बहुत मजबूत थे।

इसलिए अपनी पढ़ाई को लगातार जारी रखा और अपने सपने को सरकार किया।
मुस्लिम समाज की बेटी ने बढ़ाया मान गांव में किया गया सम्मान

गांव खेड़ी की रहने वाले महेंद्र की बिटिया गुऱया का जज के पद पर चयन होने के बाद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया।

सरपंच प्रतिनिधि ने बताया की गुड़िया ने अपने गांव का नाम रोशन किया है। प्रारंभिक पढ़ाई गुड़िया ने गांव से ही की थी। और आज सिविल जज के पद पर चयन हुआ है।

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