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Manimahesh Yatra: मणिमहेश और किन्नर कैलाश यात्रा में गए 3 श्रद्धालुओं की मौत, 26 लोगों को रेस्क्यू किया

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चंबा. हिमाचल प्रदेश में किन्नर कैलाश और मणिमहेश यात्रा के दौरान तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई है. अवैध रूप से किन्नौर जिले के किन्नर कैलाए गए 21 लोग वहां फंस गए हैं, जिनमें से 1 श्रद्धालु की मौत हो चुकी है, जबकि अन्य को रेस्क्यू कर लाया जा रहा है.

उधर, चंबा में पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान पंजाब के दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है. झील से एक किमी नीचे गौरीकुंड में सांस लेने में दिक्कत होने के बाद पठानकोट के शख्स ने दम तोड़ दिया. मृतक की पहचान 53 वर्षीय जरनैल सिंह निवासी वलसुहा फरीदनगर पठानकोट के रूप में हुई है. पर्वतारोहण संस्थान की टीम ने शव को सिविल अस्पताल भरमौर पहुंचाया, जहां पर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. जरनैल सिंह रविवार को पंजाब से अपने साथियों के साथ मणिमहेश यात्रा पर आए थे.

एक श्रद्धालु ढांक से गिरा

मणिमहेश यात्रा के दौरान हड़सर-सांदी के बीच पंजाब के अमृतसर के व्यक्ति की गिरने से मौत हो गई है. मृतक का नाम रविकांत है. यह व्यक्ति हड़सर-सांदी के पास सड़क पर लगे पैरापिट पर बैठने के दौरान 500 मीटर नीचे गहरी खाई में जा गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. मृतक के शव को एनडीआरएफ, पर्वतारोहण दल ने खाई से निकालकर सड़क पर पहुंचाया. वहीं, नाग डल लेक में फंसे छह श्रद्धालुओं को भी चंबा प्रशासन ने रेस्क्यू किया है.

किन्नर कैलाश यात्रा बंद है

वहीं, अवैध रूप से किन्नर कैलाश यात्रा पर गए 21 श्रद्धालुओं का दल किन्नर कैलाश मार्ग पर फंस गया. 21 श्रद्धालुओं में एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जिसकी पहचान 21 वर्षीय दिल्ली निवासी चंद्र के रूप में हुई है.

राहत एवम बचाव दल बाकी 20 लोगों को रेस्क्यू कर देर रात तक तंगलिंग गांव पहुंच जाएगी. गौर रहे कि अधिकारिक रूप से किन्नर कैलाश यात्रा 1 सितम्बर से बंद हो गई है. तंगलिंग गांव में पुलिस का पहरा लगाया गया है, लेकिन सवाल उठता है कि पुलिस पहरा होने के बाद भी यह लोग कैसे किन्नर कैलाश यात्रा पर गए. पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाने लगा है.

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