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Online Fraud करने वालों की जानाकारी एक जगह पर उपलब्ध कराएंगे Banks

Online Fraud करने वालों की जानाकारी एक जगह पर उपलब्ध कराएंगे Banks

देश के सभी बड़े बैंक ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहे हैं। अपने इस प्रयास के तहत बैंकों ने एक नए पोर्टल के लिए रिजर्व बैंक के साथ चर्चा भी शुरू कर दी है। यह पोर्टल फर्जीवाड़ा करने वालों की जानकारी एक मंच पर उपलब्ध कराएगा।

इस पोर्टल में एक साझा नकारात्मक सूची होगी जिससे बैंक ऐसे लोगों की हरकतों पर नजर रख सकेंगे।

इससे सभी कर्जदाताओं को धोखाधड़ी के मामलों के बारे में आसानी से जानकारी मुहैया कराई जा सकेगी और बैंकों को एक खाते से अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर होने को रोकने और उसका पता लगाने में मदद मिलेगी। पोर्टल बैंकों को रियल टाइम में यह जानकारी हासिल करने में मदद करेगा। रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने प्रस्तावित पोर्टल पर रिजर्व बैंक के साथ चर्चा भी शुरू कर दी है।

कैसे होती है धोखाधड़ी

डिजिटल धोखेबाजी के ज्यादातर मामलों में, पैसा अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों में फैले कई खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। कई बार इसका पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है, जिससे पैसा वापस मिलने में देरी होती है। कॉमन पोर्टल इन दिक्कतों को खत्म कर सकता है। आरबीआई के ऑनलाइन विवाद समाधान और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की तरफ से उपलब्ध किए गए एकीकृत विवाद समाधान विकल्प को जोड़ने पर भी विचार-विमर्श चल रहा है।

धोखाधड़ी की समस्या बढ़ी

2022-23 के दौरान, सरकारी बैंकों ने 21,125 करोड़ रुपये से जुड़े 3,405 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए, जबकि प्राइवेट बैंकों ने 8,727 करोड़ रुपये से जुड़े 8,932 ऐसे मामले दर्ज किए। यह सारे मामले एक लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी के हैं। आरबीआई के निर्देशानुसार एक मानक प्रचालन प्रक्रिया या एसओपी तैयार की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अनधिकृत लेनदेन को बीच में ही रोक दिया जाए और एक प्रभावी, मजबूत सिस्टम स्थापित किया जाए।

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